तमिलनाडु में प्लांट के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में अब तक 11 लोगों की मौत

भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के तूतीकोरीन में स्टर्लाइट प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन ने मंगलवार (22 मई, 2018) को हिंसक रूप ले लिया। दरअसल यहां के स्थानीय निवासी स्टर्लाइट कॉपर यूनिट को बंद करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस प्लांट से होने वाले प्रदूषण से गंभीर बीमारियां पैदा होंगी, जो स्वास्थ्य के काफी खतरनाक हो सकती है। इसलिए यहां के निवासी प्लांट को बंद किए जाने की मांग कर रहे हैं। खबर के मुताबिक विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जाते हैं, जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि स्टर्लाइट कॉपर यूनिट, कॉपर यूनिट ऑफ वेदांता लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करती है। इस कंपनी ने हाल के दिनों में शहर में स्टर्लाइट कॉपर प्लांट के विस्तार की घोषणा की थी। स्टर्लाइट अभी शहर में 4,00,000 टन प्रति वर्ष इकाई संचालित करती है। हालांकि प्लांट को सभी आवश्यक परमिट प्राप्त हुए हैं और उन्होंने किसी भी मानदंड का उल्लंघन नहीं किया है। स्थानीय निवासियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता स्टर्लाइट कॉपर का विरोध कर रहे हैं। इसलिए इस तटीय शहर में पुलिस की भारी तैनाती की गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पड़ोसी जिलों की पुलिस की भी मदद ली गई है।

मामले में डीएमके के वर्किंग प्रेसीडेंट एमके स्टालिन ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक स्टालिन के अलावा राज्य की अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी स्टर्लाइट के विरोध में अपनी बात कही है।

सीएम ने की न्यायिक जांच की घोषणा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने हिंसा में जान गंवाने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को तीन-तीन लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। साथ ही पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी घोषणा की है। सीएम ने इस पूरी घटना के न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं।

हिंसा पर तमिलनाडु सीएम का बयान

तमिलनाडु सीएम की प्रेस ब्रीफ-

 

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