सेना प्रमुख ने चेताया- युद्ध संभव है, चीन और पाकिस्तान से एक साथ हो सकती है जंग
भारतीय थल सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने बुधवार (छह सितंबर) को चीन और पाकिस्तान के साथ एक साथ दो मोर्चों पर युद्ध की आशंका को पूरी तरह खारिज नहीं किया। बिपिन रावत ने नई दिल्ली में एक सेमिनार में बोलते हुए कहा, “युद्ध एक हकीकत है।” रावत ने आगे कहा कि ये एक “मिथक” है कि “लोकतांत्रिक देश या परमाणु क्षमता संपन्न देश” युद्ध नहीं करते। बिपिन रावत ने कहा कि पाकिस्तान भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है और वो भारत से छद्म युद्ध छेड़े हुए है। थल सेना प्रमुख ने कहा कि “पाकिस्तान से मतभेद खत्म नहीं होने वाले हैं।” भूटान की डोकलाम घाटी में भारत और चीन के बीच हुी तनातनी की तरफ इशारा करते हुए बिपिन रावत ने कहा कि चीन ने आँखें दिखानी शुरू कर दी हैं। रावत ने डोकलाम जैसी और घटनाएं होने की आशंका से इनकार नहीं किया।
बिपिन रावत के अनुसार चीन भारतीय इलाके में घुसपैठ की और कोशिशें कर सकता है। सैन्य प्रमुख रावत ने कहा कि चीन थोड़ी-थोड़ी जमीन कब्जा करने की कोशिश करके हमारी “बर्दाश्त करने की क्षमता नाप” रहा है। रावत ने कहा कि भारत को इसके लिए तैयार रहना होगा। रावत के अनुसार मौजूदा हालत के मद्देनजर संभव है कि जब भारत चीन से उलझा होगा तो पाकिस्तान इसका “फायदा” उठा सकता है। बिपिन रावत ने कहा कि भारत को उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर संघर्ष के लिए एक साथ तैयार रहना चाहिए। सेना प्रमुख का कहना था, ‘‘परमाणु हथियार प्रतिरोध के हथियार हैं। हां, वे प्रतिरोध के हथियार हैं । लेकिन यह कहना कि वे युद्ध रोक देंगे या वे देशों को लड़ने नहीं देंगे, हमारे संदर्भ में सही नहीं हो सकता। ’’
जनरल बिपिन रावत ने कहा कि कुछ लोगों को लगात है कि युद्ध नहीं हो सकता और इस सोच का असर सेना के आधुनिकीकरण पड़ सकता है। जनरल बिपिन रावत के अनुसार ऐसी सोच का असर सेना के लिए बजट निर्धारित करने पर पड़ता है। जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेनाएं कभी एक दूसरे के खिलाफ युद्ध नहीं लड़तीं बल्कि दो देश आपस में लड़ते हैं और हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए। एक अन्य संदर्भ में जनरल रावत ने मीडिया के बड़बोलेपन और फैसलों पर उसके असर की भी चर्चा की।