अब टॉप आतंकियों के शव नहीं सौंपे जाएंगे परिवार को, अनजान जगहों पर किया जाएगा दफन?
मीडीया रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है। इसी अभियान के तहत बीते शुक्रवार (22 जून, 2018) को सेना ने इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर (ISJK) के चीफ सहित उसके सहयोगियों को अनंतनाग जिले के श्रीगुफवारा और बिजबेहरा में मार गिराया। मारे गए आंतकी की पहचान दाऊद के रूप में की गई। मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की भी मौत हो गई। इसमें एक महिला भी जख्मी हो गई। पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने बताया कि श्रीगुफवारा में हुई मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए। उनका शव बरामद कर लिया गया है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि इलाके में आंतकवादियों के मौजूद होने की विशेष खुफिया सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने दक्षिणी कश्मीर के इस जिले में श्रीगुफवारा क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था। तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जवाब में जवानों ने भी गोलीबारी की।
बता दें कि सेना कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में आतंक के सफाए के लिए कुख्यात 22 आतंकियों की लिस्ट बनाई है। ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ के तहत इन सभी को जल्द से जल्द दबोचने का टारगेट रखा गया है। लिस्ट में मौजूद एक आंतकी को सेना पहले ही मुठभेड़ मार चुकी है। लिस्ट में सेना की रडार अब 21 मोस्ट वांटेड आंतकी है।
इसके अलावा इंडियन आर्मी एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत मुठभेड़ में मारे गए टॉप आतंकियों के शव उनके परिजनों को नहीं सौंपे जाएंगे। सेना जैश, लश्कर और आईएसआईएस आतंकियों के शव उनके परिजनों को नहीं सौपेगी। हालांकि इन्हें किसी सुनसान जगह पर दफन किया जाएगा। सेना के इस फैसले के पीछे एक कारण यह भी है कि आतंकियों के सुपर्द-ए-खाक के दौरान हाजारों के तादाद में स्थानीय लोग वहां मौजूद होते हैं। जहां हथियारबंद आतंकी लोगों को अपने भाषण से उन्हें आतंक की ओर आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।