Video: टोल बूथ कर्मचारियों द्वारा सेना के लेफ्टिनेंट के साथ मारपीट का वीडियो सामने आया
टोल बूथ पर एक सैन्य अधिकारी के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। यह घटना राजस्थान के ढाढ़सर (चूरू) टोल बूथ की है। रविवार (4 फरवरी) को असम में पोस्टेड लेफ्टिनेंट विकास जाट अपने परिवार के साथ हरियाणा के सुदीबास से शेखसर (झुंझुनूं, राजस्थान) बारात में जा रहे थे। उनके परिजन तीन वाहनों में सवार थे। ढाढ़सर टोल बूथ पर उनसे टोल टैक्स मांगा गया था। इस पर विकास ने अपना पहचानपत्र उन्हें दिखाया था। टोलकर्मियों ने बताया कि निजी वाहनों में आईडी कार्ड मान्य नहीं है। इसको लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई जो कुछ ही देर में मारपीट में तब्दील हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कार में सवार एक व्यक्ति ने फायरिंग कर दी थी। इससे हालत और बिगड़ गई। घटना में घायल दोनों पक्षों के लोगों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने नाकाबंदी कर कार को जब्त कर लिया। हालांकि, पुलिस ने फायरिंग से इनकार किया। इस बीच, दोनों पक्षों द्वारा लिखित में कार्रवाई न करने की बात कहने के बाद मामला दर्ज नहीं किया गया। मारपीट की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
सुदीबास निवासी लेफ्टिनेंट विकास ने बताया कि उनके परिवार के अधिकांश सदस्य सेना में कार्यरत हैं। सैन्य अधिकारियों को टोल से छूट प्रदान की गई है, इसके बावजूद टोल कर्मचारियों ने टोल को लेकर दुर्व्यवहार किया। टोल बूथ के रूट पेट्रोलिंग अधिकारी (आरपीओ) जितेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि टोल मांगने पर कार में सवार लोगों ने दिल्ली पुलिस का कार्ड दिखाया था जो निजी वाहनों में स्वीकृत नहीं है। उनके मुताबिक, टोल मांगने पर कार में सवार लोगों ने कर्मचारियों के साथ मारपीट शुरू कर दी थी और बाद में फरार हो गए थे। इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई थी। कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश में शहरी विकास राज्य मंत्री के कथित समर्थकों ने टोल देने को लेकर हंगामा किया था।
Goons of toll contractors at Dhadhar village in Churu district of Rajasthan beat up an Army Lieutenant in an argument over toll fee pic.twitter.com/oKRv3lceoa
— TIMES NOW (@TimesNow) February 5, 2018
सैन्य अधिकारियों को छूट: बता दें कि आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल ने वर्ष 2015 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सर्कुलर पर रोक लगाते हुए आर्मी और एयरफोर्स के अधिकारियों को टोल टैक्स देने से छूट प्रदान कर दी थी। सरकार द्वारा वर्ष 2014 में जारी सर्कुलर में सिर्फ ऑन-ड्यूटी अधिकारियों को ही टोल से छूट देने की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद सैन्य अधिकारियों से टोल वसूलना शुरू कर दिया गया था। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया था कि सैन्य अधिकारी ड्यूटी पर हों या न हों उनसे टोल नहीं वसूला जाएगा। पिछले साल एनएचएआई ने एक आदेश जारी कर कहा था कि सैन्य अधिकारियों के पहचानपत्र की पुष्टि सिर्फ वरिष्ठ अधिकारी ही करेंगे।