सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख ने कहा- जरूरत पड़ने पर फिर कर सकते हैं एलओसी पार सर्जिकल स्ट्राइक

भारतीय सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी अनबु ने गुरुवार (सात सितंबर) को कहा कि जरूरत पड़ने पर भारतीय सेना जरूरत पड़ने पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक कर सकती है। उन्होंने बताया कि 2016 की तुलना में इस साल सीमा पार से घुसपैठ करने की कोशिश करने वालों को कम सफलता मिल पाई। लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने कश्मीरी युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर मुहैया कराने पर भी जोर दिया ताकि उन्हें विरोध प्रदर्शनों के दुष्चक्र से निकाला जा सके। लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने बताया  कि सीमापार घुसपैठ की कोशिशें और एलओसी के करीब आतंकवादी शिविर बढ़े हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने कहा, “हम जब चाहेंगे ये कर सकते हैं, जरूरत पड़ी तो हम उस पार जाएंगे और कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने कहा, “हम ये संदेश देना चाहते थे कि एलओसी ऐसी सीमारेखा नहीं है जिससे आप जब चाहे घुसपैठ कर  लेंगे।” लेफ्टिनेंट जनरल अनबु उत्तरी कमान के मुख्यालय पर 103 जवानों और अफसरों को दी गए सेवा पदक के बाद प्रेस वार्ता में बोल रहे थे।

लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने बताया कि एलओसी के निकट आतंकवादी ठिकाने बढ़े हैं लेकिन इस साल उन्होंने जब भी भारत में घुसपैठ की कोशिश की ज्यादातर मौकों पर भारतीय सेना उन्हें रोकने में कामयाब रही। इसलिए पिछले साल की तुलना में भारत में घुसपैठ कर पाने वालो को संख्या काफी कम रही। लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने कहा कि आधिकारिक तौर पर इस साल 75 लोगों ने सीमापार से घुसपैठ की लेकिन “हमारा मानना है कि ये संख्या 45-50 से ज्यादा नहीं होगी।” कश्मीर में सक्रिय स्थानीय उग्रवादियों पर बोलेत हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने बताया कि उनकी संख्या पिछले तीन सालों से लगभग वही बनी हुई है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर 15-25 साल के नौजवान उग्रवादियों समूहों में शामिल हो रहे हैं और खासकर जिन्हें अपने भविष्य को लेकर कोई सुरक्षा नहीं है। लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने कहा, “इस पहलू पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है।”

लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने कहा, “राज्य सरकार और हर किसी को युवाओं के लिए रोजगार तैयार करने की जरूरत है और सुरक्षा बल सकारात्मक सुरक्षा वाला वातावरण बनाने में मदद कर रहे हैं।” पत्थरबाजी पर बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने कहा कि बहुत सारे नौजवान इसमें शामिल होते हैं लेकिन सारे युवा इसमें नहीं हिस्सा लेते। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनबु ने कहा कि वहां स्थिति नियंत्रण में है।

 

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