खुद को फर्जी संत कहने पर आसाराम ने एक बार फिर खोया आपा, मीडिया से कहा – ‘मैं तो गधा हूं’
नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न में चार साल से जोधपुर जेल के भीतर बंद आसाराम को साधू संतों की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी संत घोषित कर दिया है। जब मीडियाकर्मियों ने इससे संबंधित सवाल आसाराम से पूछे तो उसने कहा कि वह गधे की श्रेणी में आता है। वह गधा है। हालांकि वह इससे पहले ऐसे तमाम विवादित मामलों में चुप्पी साधे रहता है। नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप में चार साल से जोधपुर जेल में बंद आसाराम अपने बारे में चलने वाली मीडिया की खबरों से पूरी तरह अपटेड रहता है। आसाराम जब गुरुवार को जोधपुर के कोर्ट में पहुंचा तो कहा कि बोलूं तो मरुं और न बोलूं तो मरुं। आसाराम के बारे में खबर चली थी कि जेल में मीडिया से हर मसले पर अपनी राय रखनेवाले आसाराम ने राम रहीम के जेल जाने के बाद से चुप्पी साध ली है। दो दिन पहले भी देश में साधु-संतों की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से फर्जी घोषित किए जाने पर जब आसाराम से सवाल पूछे गये तो वह होठों पर उंगली रखे चुपचाप जेल के वैन में बैठ गया था।
वहीं जब आसाराम ने अब अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा “न्यूरो की तकलीफ के कारण भयंकर दर्द हो रहा था। इस कारण मैं चुप रहा और कहते हैं कि मैंने बहाना बनाया। आज ठीक है तो बोल रहा हूं। बोलूं तो मरूं और न बोलूं तो मरूं”। ऐसा कहते हुए आगे बढ़ गया। फर्जी बाबा के सवाल पर फिर कन्नी काट ली और बिना किसी सवाल का जवाब दिए जेल के वैन में बैठ गया। गौरतलब है कि राम रहीम के कांड के बाद से ही कोर्ट लाए जाने पर बार-बार सवाल किए जाने के बावजूद आसाराम एक शब्द भी नहीं बोल रहा था।