बलात्कारियों को फांसी के पक्ष में नहीं हैं आशुतोष, लोगों बोले- स्वाती मालीवाल की खामखां जान ले रहे हो

नाबालिग बच्चियों से बलात्कार के आरोपियों को फांसी की सजा देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में शनिवार (21 अप्रैल, 2018) को एक अध्यादेश लाने का फैसला लिया गया। अगर इस अध्यादेश में लाए नए कानूनों को मंजरी मिल जाती है तो 12 साल तक की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा देने का प्रावधान रखा जाएगा। हालांकि सरकार के इस प्रस्ताव का वरिष्ठ पत्रकार और आप नेता आशुतोष कथित तौर पर सरकार के समर्थन में नहीं है। आशुतोष का कहना है कि वह मौत की सजा के समर्थन में नहीं हैं। इस मामले में ट्विटर पर अपनी राय देते हुए उन्होंने अंग्रेजी ट्वीट कर लिखा है कि वह फांसी की सजा का समर्थन नहीं करते हैं।

आप नेता इस ट्वीट के बाद से सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। कई यूजर्स ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई है। एक कमेंट में लिखा गया कि अगर आप रेप की सजा का समर्थन नहीं करते तो स्वाती मालीवाल राजघाट पर क्या कर रही हैं? नौटंकी? एक यूजर ने लिखा कि स्वाती मालीवाल की खामखां जान ले रहे हो।

एक कमेंट में लिखा गया कि मुश्किल ये है कि लोग उनकी नौटंकी को भली भांति समझने लगे हैं। इसलिए अनशन जैसी चीज भी नौटंकी लगती है। स्किन डॉक्टर नाम के यूजर ने कमेंट कर लिया है, ‘वो स्वाती मालीवाल बलात्कारियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए पंडाल में पड़ी हैं।’

 

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