अलवर हत्‍या: गोरक्षक निकले उमर के हत्यारे, पुलिस का दावा- शरीर से बर्बरता की, अब कबूला गुनाह

राजस्थान के गोविंदगढ़ में कथित गो तस्करों पर हमला करने के आरोप में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने अपनी पहचान ‘गो रक्षक दल’ के रूप में बताई है और उमर पर हमला करने और उसके शरीर को क्षत-विक्षत करने के आरोप को भी स्वीकार किया है। ये जानकारी पुलिस ने मंगलवार (14 नवंबर) को दी है। बीते शुक्रवार को पिक-अप ट्रक में गायों को ले जा रहे तीन लोगों पर कथित गोरक्षक दल ने हमला कर दिया था। इसमें उमर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बाकि दो लोगों को हरियाणा के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। मामले में पुलिस ने दावा किया है कि उमर और उसके दो साथी, ताहिर और जावेद ‘अभ्यस्त’ पशु तस्कार थे, जो गायों को ले जाने के लिए एक चोरी किया हुआ पिक-अप ट्रक का इस्तेमाल कर रहे थे।

वहीं अलवर के एएसपी मूल सिंह राणा ने बताया, ‘हमने रामवीर गुज्जर और भगवान सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों ने उमर और उसके साथियों पर हमले की बात स्वीकार की है। दोनों ही घटनास्थल के पास के ही एक गांव के रहने वाले हैं। आरोपियों ने बताया कि एक खाली पिक-अप ट्रक उनके गांव से गुजरा, जिसपर उन्हें गाय की तस्करी का शक हुआ। उन्होंने योजना बनाई कि अगर वो गायों को साथ लौटे तो उन्हें रोकेंगे। बाद में ऐसा ही हुआ। इसपर उन्होंने ट्रक को रोकने के लिए सड़क पर कील फेंक दीं। लेकिन ट्रक फिर भी कुछ दूरी तय कर चुका था। इस दौरान पहले हमपर फायरिंग की गई, जिसके जवाब में हमने भी फायरिंग की। अपने चार साथियों की मदद से उन्हें पकड़ने की कोशिश की।’

एएसपी मूल सिंह राणा के अनुसार, ‘आरोपियों ने उमर के शरीर को क्षत-विक्षत कर रेलवे ट्रेक पर फेंक दिया। जिससे हत्या की घटना लगे। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश), 147 (दंगा) और 201 के तहत केस दर्ज किया गया है।’ दूसरी तरफ ताहिर और जावेद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने बेचने के लिए दुधारू गाय दौसा से खरीदी थीं। दूसरी तरफ अलवर की मेव पंचायत प्रमुख शेर मोहम्‍मद ने आरोप लगाया कि गो-तस्‍करों ने उम्‍मर की हत्‍या की है और उसकी लाश रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दी ताकि यह एक हादसा लगे। उम्‍मर के रिश्‍तेदारों के अनुसार, हमले के समय उसके साथ दो अन्‍य लोग थे। भरतपुर की पहाड़ी पंचायत समिति के घाटमिका गांव के सरपंच शौकत ने कहा, ‘हमले के वक्‍त उम्‍मर के साथ ताहिर और जावेद थे। तीनों हमारे ही गांव के हैं।’

उम्‍मर के चाचा इलियास ने द इंडियन एक्‍सप्रेस को बताया कि केवल जावेद ही ऐसा था जो भाग पाया। उसने मुझे बताया कि उन पर बंदूकधारियों ने हमला किया था। उसने कहा कि वह बड़ी मुश्किल से भाग पाया और नहीं जानता कि बाकी दोनों के साथ क्‍या हुआ। जानकारी के लिए बता दें कि इसी साल, 1 अप्रैल को अलवर जिले में ही हरियाणा के 55 साल के डेरी किसान पहलू खान को गो रक्षकों ने जमकर पीटा था। दो दिन बाद उनकी मौत हो गई थी।

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