वाराणसी में टूटी साईं बाबा की मूर्ति, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सहित शिष्यों पर दर्ज हुआ केस

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक शिव मंदिर में स्थित साईं बाबा की मूर्ति तोड़े जाने के बाद शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और उनके समूह के कुछ लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। घटना जैतपुरा थानाक्षेत्र के औसानगंज स्थित उर्धवेश्वर महादेव मंदिर की है। ईटीवी भारत यूपी नाम के यूट्यूब चैनल पर घटना से संबंधित एक वीडियो में पुलिस अधिकारी साईं प्रतिमा के पैर का टूटा हुआ अंगूठा दिखाते नजर आ रहे हैं। साईं मूर्ति तोड़ने के आरोप में घिरे अविमुक्तेशवरानंद सरस्वती ने मीडिया के कैमरे के सामने सभी तरह के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह खुद सरकार की काशी विश्वनाथ कॉरीडोर योजाना के तहत तोड़ जा रहे मंदिर और मूर्तियों का विरोध कर रहे हैं और इसके लिए 1200 मंदिरों के लिए पदयात्रा कर रहे हैं। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा- ”वॉट्सएप से जो समाचार आ रहे हैं उन्हीं को हमने जाना है.. और उसके आधार पर ये बताया जा रहा है कि किसी मंदिर में हम दर्शन करने के लिए गए.. हम तो आठ दिन से निकले हुए हैं, देव दर्शन कर रहे हैं और लगभग 1200 मंदिरों में हम लोगों को जाना है, नंगे पांव हम यात्रा कर रहे हैं क्यों कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के पास बहुत सारे पुराने मंदिरों को गिरा दिया गया है काशी में.. और उसका हम लोग विरोध कर रहे हैं कि हमारे मंदिरों को न गिराया जाए, हमारी मूर्तियों को न तोड़ा जाए, तो इसी के लिए हम इस समय नंगे पांव पद यात्रा कर रहे हैं काशी में गली-गली में सब मंदिरों में जा रहे हैं.. तो किस मंदिर की बात कही जा रही है अभी ये हमको नहीं पता है.. और उस मंदिर में कौन सी मूर्ति तोड़ दी गई ये भी नहीं पता है.. ये लिखा गया है कि साईं बाबा की मूर्ति तोड़ दी गई.. तो हम लोग किसी मूर्ति को तोड़ने वाले नहीं है..हम तो मूर्ति जो तोड़ी जा रही है सरकार के द्वारा उसको बचाने के लिए गर्मी में नंगे पांव पदयात्रा कर रहे हैं।”

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आगे कहा- ”हम किसी मूर्ति को क्यों तोड़ेंगे? हमको ये लगता है कि सरकार जो है वो हमारी आवाज को जो कि वो शायद उसके खिलाफ जा रही है, क्यों कि मंदिर वही तोड़ रहे हैं कॉरिडोर बनाने के लिए, उनके खिलाफ हमारी आवाज जा रही है, तो हमारी आवाज दबाने के लिए और हमारे साथ जो कुछ लोग लगे हुए हैं, उनको भयभीत करने के लिए इस तरह का किसी माध्यम से शायद ये एफआईआर करवाया होगा, लेकिन एफआईआर हो जाने से कुछ नहीं होता है, इसकी जांच तो आखिर होगी न? जांच होगी, अगर हम दोषी हों या हमारे कोई लोग दोषी हों तो उनको दंड होगा.. और हम उसको स्वागत करेंगे हाथ फैलाकर के.. लेकिन अगर ये गलत कराई गई है एफआईआर तो ये सच्चाई भी तो जांच के बाद सामने आ ही जाएगी न?”

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