पाकिस्तान में करप्शन के एक केस में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 10 साल जेल, बेटी मरियम को भी सजा
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को करप्शन के एक केस में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। उनकी बेटी मरियम शरीफ को अदालत ने 7 साल जेल की सजा सुनाई। नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन सफदर को भी एक साल की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने नवाज शरीफ पर 80 लाख पाउंड का जुर्माना लगाया है, जबकि मरियम शरीफ पर 20 लाख पाउंड का जुर्माना लगाया गया है। ये मामला एवियन फील्ड करप्शन केस से जुड़ा हुआ है। दरअसल लंदन के वीवीआईपी इलाके एवियन फील्ड इलाके में पाक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के फ्लैट हैं। आरोप है कि शरीफ परिवार ने इन फ्लैट्स को अवैध ढंग से हासिल किया था। अदालत के इस फैसले के बाद इस्लामाबाद में तनाव का माहौल है। पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक शहर में धारा-144 लगा दी गई है। इलाके में कैपिटल फोर्स और रेंजर्स के जवानों की तैनाती की गई है। बता दें कि इस वक्त नवाज शरीफ और उनकी बेटी इस समय लंदन में ही हैं। नवाज शरीफ की पत्नी कुसलुम नवाज इस वक्त लंदन में ही भर्ती हैं। उनका वहां इलाज चल रहा है। नवाज शरीफ और मरियम ने अदालत ने दरख्वास्त की थी कि कुसलुम नवाज की खराब सेहत को देखते हुए अगले 48 घंटे तक उनका लंदन में रहना जरूरी है।
Former Pakistan PM Nawaz Sharif sentenced to 10 years and his daughter Maryam sentenced to 7 years imprisonment in #AvenfieldReference: Pakistan media pic.twitter.com/32AOuawZrq
— ANI (@ANI) July 6, 2018
Pakistan: Visuals from outside the Court in Islamabad after former Pakistan PM Nawaz Sharif was sentenced to 10 years and his daughter Maryam was sentenced to 7 years imprisonment in #AvenfieldReference case. pic.twitter.com/KXmfYTMbzo
— ANI (@ANI) July 6, 2018
बता दें पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं। इस चुनाव के जरिये वहां की जनता देश का अगला प्रधानमंत्री चुनेगी। जवाबदेही अदालत के इस फैसले के बाद नवाज शरीफ परिवार के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। बता दें कि नवाज शरीफ और उनके तीन बच्चों के खिलाफ पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत में करप्शन के मामले चल रहे हैं। इससे पहले पनामा पेपर मामले में कोर्ट के फैसले के बाद नवाज शरीफ पीएम पद के लिए अयोग्य हो गये थे। पनामा पेपर मामले में पिछले साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला दिये जाने के बाद नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो इस मामले को जवाबदेही अदालत में ले गया था। मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने 3 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि छह जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा।