बालकृष्ण ने किया स्वीकार, जीएसटी और नोटबंदी से पड़ा ऐसा प्रभाव कि पतंजलि की रुक गयी ग्रोथ

देश की तेजी से बढ़ती FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनियों में शुमार पंतजलि को झटका लगा है। कंपनी का कहना है कि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की बिक्री में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है। लाइवमिंट डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमने पिछले साल के खाते बंद कर दिये हैं और कंपनी की आय लगभग वहीं है जहां पिछले साल थी। बता दें कि 4 मई 2017 को पंतजलि समूह के संस्थापक बाबा रामदेव ने कहा था कि कंपनी का राजस्व हर साल दोगुना हो जाएगा और मार्च 2018 तक ये 20 हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा, इसके साथ ही पंतजलि 31 मार्च 2019 तक भारत की सबसे बड़ी पैकेज गुड्स कंपनी हिन्दुस्तान यूनीलीवर को पीछे छोड़ देगी। हालांकि हकीकत में ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी को लागू करने के प्रभावों की वजह से कंपनी की ग्रोथ पर असर पड़ा है। हालांकि उन्होंने कहा कि पतंजलि अगले साल अच्छा बिजनेस करेगी। उन्होंने कहा, “इसके अलावा साल भर हमने इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन को विकसित करने में अपनी ऊर्जा लगाई, इस साल सिर्फ हमने कमाई को बढ़ाने पर ही जोर नहीं दिया बल्कि सिस्टम विकसित करने पर भी हमारा ध्यान था।”

बता दें कि 31 मार्च 2017 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में पतंजलि ने 10,561 करोड़ की कमाई की थी। पतंजलि का ये आंकड़ा साल 2016 की तुलना में दोगुना था। बता दें कि पतंजलि के आंकड़े इसलिए भी अहम हैं क्योंकि इसी अवधि में दूसरी पैकेज गुड्स बेचने वाली कंपनियों ने अपने बिजनेस में बढ़ोतरी दर्ज की है। हिन्दुस्तान यूनीलीवर ने 31 मार्च को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में अपनी बिक्री में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है। जबकि नेस्ले इंडिया ने 2018 में अपने सामानों की बिक्री में 10.5 फीसदी की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की। जबकि कोलकाता की कंपनी आईटीसी ने अपने पैक्ड सामानों की बिक्री में 31 मार्च 2018 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष में 11.3 फीसदी का इजाफा दर्ज किया। बता दें कि पतंजलि के प्रोडक्ट पिछले कुछ सालों में उपभोक्ता में काफी लोकप्रिय साबित हुए हैं। बाबा रामदेव अपनी कंपनी के कई प्रोडक्ट का खुद प्रचार करते नजर आते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *