वो सामने खड़ा मुस्कुरा रहा था और पुलिस वाले चिपका रहे थे उसी भीम आर्मी के वॉन्टेड मुखिया का पोस्टर
भीम आर्मी का राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन 2017 में सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा का आरोपी है। घटना के बाद से ही विनय रतन फरार था। शनिवार को अदालत के आदेश पर पुलिस विनय रतन के सहारनपुर स्थित गांव फतेहपुर पहुंची।
मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट और एक वायरल वीडियो के अनुसार पुलिस जब उसके घर पर वॉन्टेड के पोस्टर चिपका रही थी, उसी दौरान विनय की मां और एक युवक से पुलिस ने बात भी की। बाद में इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। दरअसल, पुलिस जिस युवक को विनय रतन का छोटा भाई समझकर उससे बात कर रही थी, असल में वही विनय रतन था। पुलिस विनय को पहचान नहीं सकी और उसके सामने होने के बावजूद बिना गिरफ्तार किए वापस लौट गई। सहारनपुर के एसएसपी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
बता दें कि बीते साल 5 मई को सहारनपुर में जातीय हिंसा की आग भड़क उठी थी। सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में भड़की इस हिंसा में 1 व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि दलितों के 25 घरों में आग लगी दी गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। हिंसा के इस मामले में भीम आर्मी का राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन (35 वर्ष) वॉन्टेड था। पुलिस ने आरोपी पर 12000 रुपए का इनाम भी घोषित किया था। बहरहाल, विनय रतन ने सोमवार को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा उसे नहीं पहचाने जाने की जांच अभी भी जारी रहेगी।
वहीं, फतेहपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ का कहना है कि अदालत द्वारा विनय को भगोड़ा करार देने पर कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन से 2 सब-इंस्पेक्टर और 3 कॉन्स्टेबल आरोपी विनय रतन के घर पर वॉन्टेड के पोस्टर चिपकाने गए थे। विनय के खिलाफ कोई अन्य मामला दर्ज नहीं है, इसलिए पुलिसकर्मियों ने विनय को पहले कभी नहीं देखा था, ऐसे में जब वह विनय के घर पहुंचे तो विनय की मां ने विनय की पहचान सचिन के रूप में करायी, जिससे पुलिसकर्मी बातचीत करने के बाद वापस थाने लौट आए। बाद में जब पुलिस को यह जानकारी हुई कि उनसे बात करने वाला युवक ही वॉन्टेड विनय था तो पुलिस दोबारा फतेहपुर गांव पहुंची, लेकिन तब तक विनय वहां से फरार हो चुका था।