Bhopal IT Raid News: पत्नी, मजदूरों और नौकर के नाम पर बनाई 375 करोड़ की बेनामी संपत्ति, जानिए कौन है ये पूर्व मुख्य सचिव का करीबी धनकुबेर

मध्य प्रदेश में एक के बाद एक अवैध संचय करने के मामले सामने आ रहे हैं. अभी हाल ही में आरटीओ के एक आरक्षक के पास से अकूत संपत्ति की बरामदगी के बाद अब एक उद्योगपति के यहां से 375 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति आय कर विभाग ने बरामद की है. इस उद्योगपति को एक पूर्व मुख्य सचिव का करीबी बताया जा रहा है.

IT Raids on Trishul Construction: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भ्रष्टाचार (Corruption) और अवैध तरीके से भारी भरकम धन इकट्ठा करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को आयकर विभाग (Income tax Department) ने बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए त्रिशूल कंस्ट्रक्शन (Trishul Construction) के मालिक राजेश शर्मा (Rajesh Sharma) की 375 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है. यह संपत्ति उनके कर्मचारियों और पत्नी के नाम पर खरीदी गई थी. गौरतलब है कि  शर्मा पूर्व मुख्य सचिव का करीबी बताया जाता है.

पत्नी और कर्मचारियों के नाम पर संपत्ति

राजेश शर्मा ने अवैध तरीके से अर्जित संपत्तियों को छुपाने के लिए अपने कर्मचारियों और पत्नी के नाम पर दर्ज करा रखा था. इसके अलावा शर्मा ने स्टोन क्रशर मशीन पर पर काम करने वाले मजदूरों और घर के प्‍यून के नाम पर भी संपत्तियां अर्जित कर रखी थी.

प्यून के नाम पर 10 करोड़ की संपत्ति

एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि घर के प्यून के नाम पर भी 10 करोड़ रुपये की संपत्ति पाई गई है. प्यून ने आयकर विभाग को दिए अपने बयान में बताया कि उससे सिर्फ दस्तावेजों पर साइन करवाए जाते थे और उसे बैंक जाने के लिए मजबूर किया जाता था.

बेनामी संपत्ति विंग का ऑपरेशन

आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने यह कार्रवाई की. शर्मा की पत्नी और अन्य कर्मचारियों से जब इन संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी गई, तो वे सही जवाब नहीं दे सके. अब इस मामले में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने राजेश शर्मा की संपत्तियों और उन पर की गई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा मांगा है.

बेनामी संपत्ति कानून का सख्ती से किया गया पालन

आयकर विभाग ने इस कार्रवाई से यह स्पष्ट कर दिया है कि बेनामी संपत्तियों पर कड़ा कदम उठाया जाएगा. राजेश शर्मा से जुड़ी संपत्तियों की जांच अब भी जारी है, और इस केस में और भी खुलासे होने की संभावना है.

375 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त होने के बाद यह मामला मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है. यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ आयकर विभाग के सख्त रुख को दर्शाती है.