BHU छात्राओं के समर्थन में जंतर-मंतर पर कई छात्र, शिक्षक, छात्र संघ और मजूदर संगठनों ने किया प्रदर्शन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की छात्राओं पर शनिवार देर रात हुए लाठीचार्ज के बाद दिल्ली के लोग भी उनके समर्थन में आ गए हैं। छात्राओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को जंतर-मंतर पर कई छात्र, शिक्षक, छात्र संघ, मजूदर आदि संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया और बीएचयू के कुलपति से इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन में शामिल आॅल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे ने कहा कि मोदी सरकार महिलाओं के खाने, पहनने, शादी करने, घर से बाहर निकलने आदि पर पाबंदी ला रखी है, लेकिन हम इसे नहीं सहेंगे। उन्होंने कहा कि हम बीएचयू की छात्राओं के साथ कंधे से कंधा मिलकर खड़े हैं।
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा कि सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। बीएचयू पर भी उसी के तहत हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में इस सरकार की ओर से बिठाए गए कुलपति ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ लिंग संवेदीकरण समिति (जीएसकैश) को खत्म कर आंतरिक शिकायत समिति (आइसीसी) बना दी है। एआइपीडब्लूए की कविता कृष्णन ने कहा कि बीएचयू प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा और आजादी एक साथ नहीं दी जा सकती, जबकि हमारा कहना है कि सुरक्षा की आजादी हमारा संवैधानिक अधिकार है, इसे कोई सरकार या कोई कुलपति नहीं छीन सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि बीएचयू कुलपति की प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के समय शांति बनाए रखना क्यों था।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन की कड़ी भर्त्सना की और छात्राओं पर हुए पुलिसिया अत्याचार की जिम्मेदारी लेते हुई कुलपति को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा। उन्होंने घटना के जिम्मेदार सभी पुलिस अफसरों को तुरंत निलंबित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने की भी मांग की। दोपहर 1:00 बजे शुरू हुए इस प्रदर्शन में आइसा, जेएनयू छात्र संघ, केवाईएस, एसएफआइ, पिंजरा तोड़, एआइपीडब्लूए, एआइडीडब्लूए, अखिल भारतीय दलित महिला अधिकार मंच, अनहद, जनवादी लेखक संघ, एआइएमएसएस, सीएसडब्लू, मुसलिम वीमेंस फोरम, प्रगतिशील महिला संगठन, राष्ट्रीय दलित महिला आंदोलन व सहेली आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। गौरतलब है कि पिछले गुरुवार को बीएचयू में एक छात्रा के साथ कुछ लोगों ने परिसर के अंदर छेड़खानी की थी। छात्रा ने इस घटना की शिकायत छात्रावास वार्डन व प्रॉक्टर से की और सख्त कार्रवाई की मांग की, लेकिन उसकी शिकायत पर कार्रवाई करने की जगह उलटे प्रशासन ने उस पर ही देर शाम तक घूमने का आरोप लगाया और उसे हतोत्साहित करने की कोशिश की।