Bihar Budget 2018 : 1,76,990 करोड़ रुपए का बजट पेश, जानें किसे क्या मिला
Bihar Budget 2018-19 Highlights (बिहार बजट २०१८): बिहार का आज (27 फरवरी) विधानसभा में बजट पेश किया जा चुका है। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी बिहार सरकार का बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बजट का आकार बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। बजट आकर बढ़ना सरकार की उपलब्धि है। सुशील मोदी ने बिहार के लिए 1,76,990 करोड़ रुपए का बजट पेश कर दिया है। 2018-19 में कुल 1,580,52 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है। राज्य में टूरिजम को बढ़ावा देने के लिए 153.45 करोड़ रुपए का बजट आवंटिक किया गया है। इंटरकास्ट मेरिज को बढ़ावा दिया जाएगा। अब महिलाओं को 1,00,000 रुपए दिए जाएंगे। 10,000 स्टूडेंट्स को सोलर लाइट दी जाएंगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार की विकास दर 10.3 फीसदी है जोकि देश की विकास दर से 3.3 फीसदी ज्यादा है। राजस्व और भूमि सुधार पर 862.21 करोड़ रुपए, नगर विकास पर 4413.58 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जयप्रकाश नारायण के गांव सितारबदियारा के लिए 85 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। राजगीर में 60 करोड़ रुपए खर्च कर चिड़ियाघर बनाया जाएगा।
हर घर में बिजली पहुंचाने के लिए राज्य सरकार 10,257.66 करोड़ रुपए खर्च करेगी। वहीं बजट में मंदिरों के लिए भी सरकार ने 30 करोड़ रुपए देने की बात कही है। बिहार में हरित क्षेत्र को 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी किया जाएगा। पूरे राज्य में कुल 16 IIT खोले जाएंगे। सभी पंचायतों में साइबर कैफे के जरिए नागरिक सुविधा की शुरुआत होगी। इसके अलावा योजना विकास के लिए 2,841 करोड़ रुपए, पंचायती राज के लिए 8,694 करोड़ रुपए और समाज कल्याण के लिए 10,188 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
दिल्ली के द्वारका में बनेगा बिहार सदन, सरकार ने इस बार बजट में इसके लिए रखे 78 करोड़ रुपए। इसके अलावा सरकार राज्य में स्वास्थ्य पर 7,793 करोड़ रुपए खर्च करेगी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 5,35000 घरों को मंजूरी दे दी गई है। राज्य में 1,500 किलोमीटर नई सड़क बनाई जाएंगी। वहीं पूरे राज्य की सड़कों पर खर्च करने के लिए 17,396.67 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी गई है।
नालंदा के डीएम को सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कार मिला। वीर कुंवर सिंह को लेकर अप्रैल से बड़े कार्यक्रम किए जाएंगे। वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बताया कि शिक्षा पर ज्यादा काम किया जाएगा। इसके लिए वित्त मंत्री ने 32,125 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि गंगा पर बने सभी पुल इसी साल चालू कर दिए जाएंगे। इसके अलावा गांव का विकास करने के लिए राज्य में 10,505 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
Bihar Budget 2018-19 Highlights in Hindi:
– हर घर में बिजली पहुंचाने के लिए राज्य सरकार 10,257.66 करोड़ रुपए खर्च करेगी। वहीं बजट में मंदिरों के लिए भी सरकार ने 30 करोड़ रुपए देने की बात कही है।
– वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार की विकास दर 10.3 फीसदी है जोकि देश की विकास दर से 3.3 फीसदी ज्यादा है। बिहार में हरित क्षेत्र को 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी किया जाएगा। राज्य के सभी प्रमंडलों में IIT खोले जाएंगे।
– वित्त मंत्री ने बताया कि गंगा पर बने सभी पुल इसी साल चालू कर दिए जाएंगे। इसके अलावा गांव का विकास करने के लिए राज्य में 10,505 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
– नालंदा के डीएम को सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए पुरस्कार मिला। वीर कुंवर सिंह को लेकर अप्रैल से बड़े कार्यक्रम किए जाएंगे। वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बताया कि शिक्षा पर ज्यादा काम किया जाएगा। इसके लिए वित्त मंत्री ने 32,125 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।
– विधानसबा में किसानों पर बैंक और महाजनी कर्ज को माफ किए जाने का मुद्दा भी उठाया जा सकता है। भाकपा-माले विधायक महबूब आलम, सुदामा प्रसाद और सत्यदेव राम ने सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य सरकार किसानों व बटाईदारों की समस्या पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। किसानों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।
– राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक सर्विस सेक्टर, ट्रांस्पोर्ट, भंडारण, संचार, विनिर्माण, खनन और उत्खनन जैसे क्षेत्रों ने राज्य के विकास को सहारा मिल सकता है। वर्तमान में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
– नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने विरोध प्रदर्शन किया। 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। राजद के सदस्य वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने विरोध प्रदर्शन करने वालों से कहा कि आफ लोग नियम से बातें उठाएं तो सरकार आपकी सुनेगी और जवाब भी देगी। इस तरह विरोध करने से कोई जवाब नहीं देगा।
– करीब 10.30 बजे सुबह, बिहार विधानसभा के बाहर पोर्टिको में राजद विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। ‘नीतीश कुमार और सुशील मोदी होश में आओ’ के नारे लगाए। राज्य सरकार पर मृत बच्चों के दोषी को बचाने का भी आरोप लगाया।
– विधानसभा में जारी आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, बिहार में 2016-2017 में 10.3 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की गई, जो कि एक साल पहले इसी वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी थी, जो कि सर्विस सेक्टर में पीछे है। बिहार के 12 वें आर्थिक सर्वेक्षण ने कहा गया है कि बिहार की विकास दर राष्ट्रीय औसत की तुलना में अधिक है। बिहार की विकास दर 7.0 फीसदी है। बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बजट सत्र के पहले दिन सर्वेक्षण के बाद कहा कि राज्य ने राजस्व अधिशेष को लगातार देखा है, जो 2012-13 में 5,101 करोड़ रुपए से बढ़कर 2016-17 में 10,819 करोड़ रुपये हो गया।
– सुशील मोदी ने कहा कि 2017-18 के दौरान अधिशेष 14,556 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसे बेहतर वित्तीय प्रबंधन के परिणाम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2015-16 में 883 करोड़ रुपये की वृद्धि के मुकाबले पिछले साल राज्य सरकार के सकल वित्तीय घाटे (जीएफडी) में 4,418 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 18,112 करोड़ रुपये जीएफडी बढ़ने का अनुमान है।
– इस बार बजट में बिजली के लिए भी अलग से कुछ किया जा सकता है। नीतीश सरकार हर गांव तक बिजली पहुंचा चुकी है अब सरकार का टारगेट हर घर तक बिजली पहुंचाने का है। इसलिए सरकार अलग से बिजली के लिए कुछ घोषणा कर सकती है।
– इस बार राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट बढ़ा सकती है। पिछले साल राज्य सरकार ने इसमें कमी कर दी थी। स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने का ऐलान हेल्थ मिनिस्टर पहले भी कर चुके हैं। राज्य में 5 नए मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे।
– बिहार सरकार को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार पर भी ध्यान देना होगा। पिछले बजट में शिक्षा के लिए करीब 25 हजार करोड़ रुपए दिए गए थे। इस बार शिक्षा का बजट आकार पिछले वर्ष की तुलना में बड़ा होने की संभावना है।