बीजेपी सांसद ने उठाए नेतृत्व पर सवाल, कहा- हमारे काम करने के तरीके और सोच में ही खामी

उत्तर प्रदेश लोकसभा की दो सीटों के उपचुनाव में बीजेपी को सपा के हाथों करारी हाल झेलनी पड़ी। जिसके बाद हार के कारणों को लेकर बीजेपी के अंदर हलचल है। पार्टी के अंदरखाने से ही नेतृत्व के रवैये पर सवाल उठने शुरू हुए हैं। बीजेपी के सांसदों ने काम करने के तरीके और सोच में खामी पर हार का ठीकरा फोड़ा है। लोगों की निगाहें इस बाl की तरफ है कि इन हार के बाद गाज किस पर गिरती है और आने वाले वक्त में पार्टी संगठन और सरकार को लेकर क्या रोडमैप तैयार करती है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां हार के पीछे अति आत्मविश्वास, विपक्ष की रणनीति समझने में चूक को जिम्मेदार बताया है, वहीं सांसदो ने काम करने की शैली बदलने की मांग की है।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बीजेपी के इलाहाबाद सांसद श्याम चरण गुप्ता ने कहा-“पार्टी को सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। काम करने के तरीके, सरकार से लेकर जनता तक पकड़ बनाने के तरीके की समीक्षा होनी चाहिए। जाहिर सी बात है कि कुछ न कुछ समस्या जरूर है, इसी वजह से दोनों सीटें हम हार गए।” दो बार के सांसद और इलाहाबाद के मेयर रह चुके गुप्ता ने कहा कि विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पार्टी ने कड़ी मेहनत की थी। मगर, बाद में ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल करने की होड़ मची, जिनका पार्टी के सिद्धांतों से कोई लेना-देना नहीं था। नरेश अग्रवाल ही नहीं विधानसभा चुनाव से पहले भी तमाम ऐसे नेताओं को बीजेपी में लिया गया। जबकि भाजपा एक लहर में जीता न कि इन नेताओं की बदौलत।

गुप्ता ने कहा कि पार्टी का सिद्धांत है-चाल, चरित्र, चेहरा और चिंतन। पार्टी को देखना चाहिए कि इन सिद्धांतों का क्या हुआ। कौशांबी के सांसद और भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने हार के पीछे स्थानीय नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि सीटों के उपचुनाव के दौरान स्थानीय नेता दलितों तक पहुंचे ही नहीं, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। सोनकर ने कहा कि दलितों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम योजनाएं चलाईं, मगर बीजेपी के नेता इसका चुनाव में लाभ उठाने में नाकाम रहे। कुशीनगर सांसद राजेश पांडेय को उम्मीद है कि पार्टी हार के कारणों की समीक्षा कर सुधार पर फोक करेगी। पांडेय ने यह स्वीकार किया कि उपचुनाव के नतीजे पार्टी के लिए चिंता की बात हैं। एक वरिष्ठ सांसद ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि भाजपा ने उपचुनाव में गलत प्रत्याशी उतारे, बिना सीट पर जातीय समीकरण देखे।

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