बीजेपी सांसद की पीएम मोदी को चिट्ठी- नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर नहीं, 26 दिसंबर को मनाया जाए बाल दिवस
भाजपा में इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने का दौर चल पड़ा है। उत्तर प्रदेश के सांसद के बाद अब दिल्ली के एक लोकसभा सदस्य ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर विचित्र मांग की है। पश्चिम दिल्ली से भाजपा के सांसद और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहेब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा ने पीएम को पत्र लिखकर कहा कि बाल दिवस 14 नवंबर के बजाय 26 नवंबर को मनाया जाना चाहिए। प्रवेश वर्मा ने पत्र पर 59 सांसदों का हस्ताक्षर होने का दावा किया है। बीजेपी सांसद के इस कदम से नया विवाद पैदा हो गया है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 19 नवंबर, 1889 को हुआ था। वह बच्चों के बीच चाचा नेहरू के तौर पर लोकप्रिय थे। इसे देखते हुए उनके जन्मदिन को देश भर में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रवेश वर्मा ने बाल दिवस की तिथि में बदलाव को लेकर नया तर्क दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि 26 नवंबर को सिखों के गुरु श्री गोबिंद सिंह जी के पुत्रों के बलिदान के लिए याद किया जाता है। लिहाजा, इस तिथि को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाना चाहिए। बता दें कि बीजेपी अक्सर ही जवाहरलाल नेहरू की विभिन्न मुद्दों को लेकर आलोचना करती रहती है।
#BREAKING Controversy over Children’s day, MPs want Children’s day changed, ‘want Sikh guru’s martyrdom as Children’s day’, 59 MPs sign petition, religious twist to Bal Diwas @aditi1407 shares more details pic.twitter.com/apASh5GM6X
— TIMES NOW (@TimesNow) April 6, 2018
प्रवेश वर्मा ने पत्र पर 59 सांसदों के हस्ताक्षर होने का दावा किया है। यह संख्या चौंकाने वाली है। गौरतलब है कि प्रवेश वर्मा से पहले उत्तर प्रदेश के एक भाजपा सांसद कुंवर छोटे लाल खरवार ने अपनी ही सरकार में सुनवाई न होने का आरोप लगाया था। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मान-सम्मान की रक्षा करने की मांग की है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी शिकायत की है। इसके बाद इटावा से बीजपी सांसद अशोक कुमार धोरे न पीएम को पत्र लिखकर योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। सांसद का कहना है कि जब वह इसकी शिकायत लेकर सीएम योगी से मिलने गए तो उन्हें डांट-फटकार कर भगा दिया गया। बता दें कि भारत बंद के दौरान उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे।