बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने सभी 5 आरोपियों को ठहराया दोषी, 31 को सुनायेगी सजा

बोधगया सीरियल केस में आज (25 मई) को फैसला आया है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों को इस मामले में दोषी करार दिया है। अब 31 मई को इन सभी को सजा सुनाई जाएगी। बता दें कि साल 2013 में बिहार में गया जिला स्थित बोधगया में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। धमाके के दौरान एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थयात्री जख्मी हुए थे। जांच-पड़ताल के बीच तब जिंदा बम भी बरामद किए गए थे।

कोर्ट में फैसला सुनाए जाने से पहले दोषियों को सख्त सजा और विश्व शांति के बौद्ध भिक्षुओं ने खास पूजा की थी। साथ ही सभी आरोपियों को कड़े सुरक्षा इंतजामात के बीच लाया गया था। स्पेशल जज मनोज कुमार सिन्हा ने सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और फिर पाचों आरोपियों को दोषी ठहराया।

सीरियल ब्लास्ट केस में तकरीबन 90 लोगों ने गवाही दी थी। एनआईए के विशेष लोक अभियोजक लल्लन प्रसाद सिन्हा ने इस बारे में बताया कि उमेर सिद्दिकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, हैदर अली, मुजीबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी आरोपी थे। वे सभी पटना के गांधी मैदान सीरियल बम धमाके में भी अभियुक्त हैं। एनआईए कोर्ट ने इस मामले में छह लोगों के खिलाफ आरोप दायर किया था।

छठा आरोपी नाबालिग था, जिसके चलके उसके मुकदमे को ट्रायल के लिए गायघाट स्थित जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड भेजा गया था। वहां से उसे बोधगया सहित गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट केस में तीन-तीन साल की सजा हो चुकी है। उमेर और अजहर की पहचान छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी के रूप में हुई, जबकि तीन अन्य झारखंड के निवासी हैं।

याद दिला दें कि सात जुलाई 2013 की सुबह बोधगया में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। तीन अलग-अलग जगहों से जिंदा बम उस दौरान बरामद किए गए थे। मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एनआईए के अधिकारियों ने इस बाबत छह लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें पटने के बेऊर जेल में रखा गया था। विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक, इस ब्लास्ट की साजिश हैदर अली ने रची थी, जिसमें उमेर और अजहर ने उसका साथ दिया था।

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