भारत की पहली बुलेट ट्रेन: 83 देशों की जीडीपी से ज्यादा है इस हाई स्पीड ट्रेन की लागत

भारत की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन जो कि अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलेगी उसपर कुल 1,10,000 करोड़ रुपए (17 बिलियन डॉलर) खर्च होंगे। यह दुनिया के 83 देशों की जीडीपी से ज्यादा हैं। जापान इस प्रोजेक्ट के लिए 88,000 करोड़ रुपए जो कि कुल लागत का 81 प्रतिशत है उसका वहन करेगा। यह पैसा 0.1 प्रतिशत की बयाज दर पर 50 साल के लिए दिया गया है। इसकी मदद के भारत को 15 अगस्त 2022 तक अपनी पहली बुलेट ट्रेन मिल जाएगी। उस दिन भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे। वित्तवर्ष 2016 में 83 देश ऐसे हैं जिनकी जीडीपी इस प्रोजेक्ट की लागत से कम है। पपुआ न्यू गिनी की जीडीपी 16.29 डॉलर है, छुट्टियों के लिए मशहूर जगह मॉरिशस की जीडीपी 12,164 डॉलर है। इसके अलावा बुलेट ट्रेन को बनाने में आ रही लागत भारत के स्वास्थ बजट की तीन गुना है।

गुरुवार (14 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे ने गुजरात अहमदाबाद में साबरमती के पास बुलेट ट्रेन की नींव रखी। माना जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा हो जाएगा। इसकी मदद से मुंबई तक की सात घंटे की दूरी को तीन घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इसका रास्ता बनाने के लिए 21 किलोमीटर की सुरंग भी खोदी जाएगी। जिसमें से सात किलोमीटर का रास्ता समुद्र से होकर जाएगा।

बुलेट ट्रेन में अहमदाबाद से मुंबई के बीच 12 स्टेशन होंगे। इसमें मुंबई, थाने, विरर, बोसिर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भारुच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं। अगर बुलेट ट्रेन सिर्फ चार स्टेशन (अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और मुंबई) पर रुकेगी तो 508 किलोमीटर का यह सफर दो घंटे सात मिनट में पूरा किया जा सकेगा।

 

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