103 साल बाद मिला ऑस्ट्रेलिया का गुम हुआ सबमरीन, 35 लोगों के साथ 1914 में हुआ था लापता

ऑस्ट्रेलिया ने करीब 100 साल पहले लापता हुए सबमरीन को ढूंढकर दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में से एक को सुलझा लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार (21, दिसंबर) को इस खबर की पुष्टि की है। दरअसल 14 सितंबर, 1914 को ऑस्ट्रेलियाई सबमरीन HMAS AE1 प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लापता हो गया था। इसमें 35 लोग सवार थे। तब सबमरीन न्यू ब्रिटेन के आईस्लैंड और न्यू आयरलैंड के बीच उत्तरीपूर्वी पापुआ न्यू गिनिया में था। ये जानकारी एफ न्यूज के हवाले से है। सबमरीन को ड्यूक ऑफ यॉर्क आईस्लैंड

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भारत के वैज्ञानिक ने किया कमाल- पहली बार मनचाही शक्ल का मोती बनाया

भारत के चर्चित मोती वैज्ञानिक डा. अजय कुमार सोनकर ने काला मोती बनाने की क्षमता रखने वाली सीप की नस्ल ‘पिंक टाडा मार्गेरेटिफेरा’ सीप में पहली बार मनचाही शक्ल का मोती बनाने में कामयाबी हासिल की है। इस मोती को भगवान गणेश की शक्ल दी गई है। पर्ल एक्वाकल्चर के क्षेत्र में भारत का नाम विश्व पटल पर लाने वाले इस युवा वैज्ञानिक ने बताया कि अंडमान के समुद्री क्षेत्र में ‘ब्लैक लिप आयस्टर’ यानी काला मोती बनाने की क्षमता वाले सीप पाए जाते हैं और मेरा प्रयोग था कि

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नासा ने की बड़ी खोज, ढूंढ़ा हमारे जैसा ही आठ ग्रहों वाला सौरमंडल

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने महत्वपूर्ण खोज की है। एजेंसी ने पहली बार हमारे सौरमंडल की तरह ही आठ ग्रहों वाला नया सोलर सिस्टम ढूंढ़ने का दावा किया है। नासा ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि केप्लर टेलीस्कोप की मदद से सुदूर अंतरिक्ष में आठ ग्रहों वाला नया सौरमंडल ढूंढ़ा गया है। अमेरिकी सामाचारपत्र इंडीपेंडेंट ने यह जानकारी दी है। अंतरिक्ष अनुसंधान की दिशा में यह महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। प्रारंभिक आकलन में यह मनुष्यों के रहने योग्य नहीं है। नासा वैज्ञानिकों ने केप्लर टेलीस्कोप से

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पहला उद्योग दिवस: छात्रों ने पेश किए 25 उत्पाद और करीब 250 पोस्टर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली में शनिवार को पहला उद्योग दिवस आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 150 से अधिक उद्योगों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।  आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने बताया कि हमारे छात्र बेहतर शोध कर रहे हैं और इसे समाज तक ले जाने की जिम्मेदारी उद्योगों की है। उद्योग दिवस में प्रतिनिधियों ने काफी उत्साह के साथ हिस्सा लिया है। इस दौरान आइआइटी के विद्यार्थियों ने अपने शोध कार्यों को प्रतिनिधियों के सामने रखा। इस मौके पर आइआइटी के छात्रों ने रक्षा, पर्यावरण,

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शोध में किया दावा, सिंदूर में मौजूद शीशा बच्चों के विकास में बाधक, आईक्यू भी होता है प्रभावित

भारत में सिंदूर का सांस्कृतिक महत्व है। शादी के बाद हर महिला अपनी मांग में सिंदूर लगाती है जो उसके शादी-शुदा होने की एक तरह की निशानी होती है। इसके अलावा पूजा-पाठ में भी देवताओं को सिंदूर चढ़ाने का रिवाज है। बहुत से लोग खासकर हिंदू परंपरा के माथे पर तिलक के रूप में भी सिंदूर का इस्तेमाल करते हैं। हाल ही में भारत और अमेरिका के एक संयुक्त अध्ययन में सिंदूर को लेकर एक शोध किया गया है। इस शोध में यह बताया गया है कि सिंदूर में असुरक्षित

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अधिकतर हवाई जहाजों का रंग आखिर सफेद ही क्यों होता है? जानिए यहां

आपने हवाई जहाज खूब देखे होंगे। अधिकतर में एक बात सामान्य भी पाई होगी। वह है उनका सफेद रंग का होना। कभी सोचा है क्यों होता है? दरअसल, इसके पीछे वैज्ञानिक और आर्थिक कारण होते हैं। एयरलाइन कंपनियां भी इन्हीं के चलते सफेद हवाई जहाज चलवाती हैं, जिसमें कंपनी के साथ यात्रियों के हित भी होते हैं। पहले बात करते हैं इसके पीछे के वैज्ञानिक वजहों की। हवाई जहाज आसमान में उड़ते हैं। रन वे पर घंटों खड़े रहते हैं। ऐसे में उन पर धूप भी पड़ती है। वे भी

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VIRAL शोधकर्ता ने किया दावा- 23 सितंबर से होगी दुनिया के अंत की शुरुआत, धरती से टकरा सकता है प्लैनेट एक्स

यूट्यूब पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि धरती के अंत की शुरुआत आने वाले शनिवार (23 सितंबर) से हो जाएगी। इस वीडियो में दावा किया गया है कि बाइबिल में दिए गये वर्णनों का हवाला दिया गया है। एक स्वघोषित ईसाई शोधकर्ता डेविड मिएडे ने वीडियो में ये दावा किया है। वीडियो को अभी तक 27 लाख लोग देख चुके हैं। वीडियो में दावा किया गया है कि बाइबिल के बुक ऑफ रिविलेशन में दुनिया के अंत के बारे में संकेत दिए

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Mahalaya 2017:…तो इसलिए मनाई जाती है महालया अमावस्या, पौराणिक कथा है इसके पीछे

महालया एक संस्कृत शब्द है जिसमें महा का अर्थ होता है महान और आल्या का अर्थ है निवास। महालया अमावस्या दुर्गा पूजा या नवरात्र की शुरुआत को दर्शाता है। दुर्गा पूजा हिन्दूओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। महालया से ही नवरात्रों की शुरूआत हो जाती है। महालया अमावस्या की काली रात को मां दुर्गा की पूजा की जाती है और उनसे प्रार्थना की जाती है की वो धरती पर आएं और अपने भक्तों को आशीर्वाद दें। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां दुर्गा धरती पर आकर असुर

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लग्जरी कार कंपनी को सबक सिखाने के लिए अलवर के महाराजा ने कूड़ा उठवाने को चलवाई थीं रॉल्स रॉयस कार्स

गाड़ियों की दुनिया में रॉल्स रॉयस (Rolls Royce) बड़ा नाम है। सालों से चला आ रहा स्थापित ब्रांड है। दुनिया भर में इसे खरीदने वालों की कमी नहीं है। लेकिन एक दौर में इसी अमेरिकी कंपनी की जगहंसाई हुई थी। कंपनी को आर्थिक तौर पर इसका नुकसान हुआ था। कारण अपने अलवर के महाराजा थे। उन्होंने ये लग्जरी और महंगी कारें कूड़ा-कचरा उठवाने के काम में लगवा दी थीं। किस्सा 1920 के दौरान का है। रॉल्स रॉयस तब भी आज जितना मशहूर कार ब्रांड था। अलवर के महाराजा जय सिंह

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गंगाजल साथ रखने को इस राजा ने बनवा दिए थे दुनिया के सबसे बड़े चांदी के बर्तन, वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल

हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि दुनिया में बाकी धर्मों में भी गंगा जल के बारे में अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। गंगा जल को अमृत के बराबर भी माना जाता है। आज भी हरिद्वार के गंगाजल को लेने के लिए देश दुनिया से श्रद्धालु पहुंचते है। माना जाता है कि युगों पहले भागीरथ जी गंगा की धारा को पृथ्वी पर लाए थे, भागीरथ जी गंगा की धरा को हिमालय के जिस रास्ते से लेकर मैदान में आए थे वह रास्ता दिव्य औषधियों व वनस्पतियों से भरा हुआ है। भारतीय सभ्यता में गंगा

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क्रूज वाले किसी को नहीं बताते ये चीजें, सिर्फ अंदरखाने के लोग जानते हैं ये सब

क्रूज शिप दूर से देखने से कितने प्यारे लगते हैं न। लेकिन इन पर क्या होता है, यह कभी सोचा है? लोग कैसे महीनों तक इन पर रहकर समुद्र के बीच बिता देते हैं। शिप पर काम करने वालों की जिंदगी कैसी होती होगी। इसी क्रम में अमेरिकी वेबसाइट रेडिट पर कई क्रूजकर्मियों ने यहां की वे बातें बताईं, जिससे ज्यादातर यात्री वाकिफ नहीं होते हैं। – क्रूजशिप कर्मी कई महीनों तक साथ रहते हैं। ऐसे में उनके लिंक-अप और रिलेशनशिप आम हैं। मिरटागेव नाम के रेडिट यूजर ने बताया

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ब्राजील के जंगलों में रहने वाली यह जनजाति गिलहरी-बंदर को कराती है स्तनपान

इंसान और जानवर का सदियों से नाता रहा है। दोनों एक-दूसरे के करीब रहे हैं। दुनिया में आज भी एक जनजाति है, जो खुद कठिन परिस्थितियों में होने के बाद भी पशु प्रेम नहीं त्याग पा रही है। पूर्वी ब्राजील स्थित अमेजॉन के जंगलों में अवा (Awa) नाम की जनजाति पाई जाती है। यह दुनिया की सबसे लुप्तप्राय जनजाति है। 500 साल पहले ब्राजील के मारान्हाओ (Maranhao) में इनकी संख्या हजारों में थी, जो आज 300 पर सिमट गई है। इसमें 60 लोग ऐसे हैं, जो दुनिया के किसी और

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