करुणानिधि के निधन के बाद डीएमके में संघर्ष होगा तेज? अब उठने लगे सवाल

द्रमुक कार्यकर्ताओं के साथ ही आम लोगों के जेहन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या पार्टी में उत्तराधिकार की लड़ाई फिर शुरू होगी या एम के स्टालिन पार्टी में अपना प्रभुत्व बनाए रखेंगे। एम करुणानिधि ने अपने जीवनकाल में ही स्टालिन को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था। करूणानिधि करीब पांच दशक तक द्रमुक प्रमुख रहे और उनके देहांत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में यह सवाल उठ रहा है। करूणानिधि के दो पुत्रों एम के अलागिरी और एम के स्टालिन के बीच कई वर्षेां से संघर्ष चल
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