होली 2018: मशहूर रचनाकारों की इन कविताओं से अपने खास लोगों को कहिए ‘होली मुबारक’

होली का त्योहार नजदीक है। हर कोई अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों को होली की शुभकामनाएं सबसे अलग अंदाज में देना चाहता है। इसके लिए लोग शायरियों, कविताओं आदि का भी सहारा लेते हैं। कविताओं और शेरों से शुभकामना संदेश भेजना आज के सोशल मीडिया के दौर का सबसे लोकप्रिय अंदाज है। ऐसे में आज हम आपको हिंदी और ऊर्दू के कुछ प्रसिद्ध कवियों और शायरों की होली पर लिखी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल कर आप भी अपने खास लोगों को खास

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अमरनाथ गुफा के वे 5 रहस्य, जो बहुत कम लोग जानते हैं

अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक मानी जाती है। कहा जाता है अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। इसे अमरेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। आइए आज जानते हैं अमरनाथ से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां – 1. अमरनाथ गुफा की खोज- माना जाता है इस गुफा की खोज बूटा मलिक नाम के मुस्लिम ने की थी। वह एक दिन भेड़-बकरी चराते हुए बहुत दूर जंगल में चला गया।

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बांके बिहारी मंदिर में साक्षात् प्रकट हैं राधा-कृष्ण, जानें क्या है वृंदावन के प्रख्यात मंदिर का महत्व

उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी का निर्माण प्रख्यात गायक तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास ने करवाया था। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में राजस्थानी शैली की बेहतरीन नक्काशी की गई है। बांके बिहारी का शब्दार्थ करें तो बांके का अर्थ होता है तीन तरफ से मुड़ा हुआ और बिहारी का अर्थ श्रेष्ठ उपभोक्ता होता है। मंदिर में रखी भगवान कृष्ण की मुख्य प्रतिमा त्रिभंगा मुद्रा में है, इसी के आधार पर इस मंदिर का नाम बांके बिहारी मंदिर है। इस भव्य मंदिर में बिहारी जी की

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स्कंद षष्ठी 2018 व्रत विधि और कथा: क्रोध और अहंकार से मुक्ति के लिए किया जाता है कार्तिकेय का पूजन

मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान कार्तिकेय का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन कार्तिकेय के पूजन से रोग, दुख और दरिद्रता का निवारण होता है। इसी के साथ माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से काम, क्रोध, मद, मोह और अहंकार से मुक्ति मिलती है। इसी के साथ स्कंद षष्ठी के दिन पूजन के लिए कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने मोह माया में पड़े हुए नारद जी का उद्धार इस दिन किया

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दान करने से दूर होती है धन की कमी, इन 4 को खाली हाथ कभी ना लौटाएं

हिंदू धर्म में दान का अत्याधिक महत्व माना जाता है, यह मात्र रिवाज या परंपरा ही नहीं बल्कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भी माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति दान करता है तो उसके प्रभाव से उसे इंद्रिय आसक्ति से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि जीवन में सुख-समृद्धि और सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए दान-कर्म करने की सलाह दी जाती है। दान को बहुत बड़ा पुण्य माना जाता है। मान्यता है कि दान करने से मनुष्य के कई पाप मिट जाते हैं और

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जानें भगवान शिव के सबसे प्रिय काशी विश्वनाथ .सहित 12 ज्योतिर्लिंगों का रहस्य और महत्व

सोमनाथ- गुजरात के काठिवाड़ा में सोमनाथ मंदिर को भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। शिवपुराण के अनुसार चंद्र देव ने राजा दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं के साथ विवाह किया था, लेकिन रोहिणी को चंद्र देव सबसे अधिक प्रेम करते थे। उनके इस पक्षपात को देखकर राजा दक्ष ने चंद्र देव को श्राप दे दिया। रोहिणी और चंद्र ने सोमनाथ आकर शिवलिंग का पूजन किया। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने चंद्रमा को उसकी चमक वापस लौटा दी थी। इसके बाद चंद्र की विनती के

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महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ : जानें जानें कब है और क्या है महाशिवरात्रि का महत्व

Maha Shivratri 2018 : महाशिवरात्रि हिंदुओं का प्रमुख त्योहार माना जाता है, हिंदू कैलेंडर के फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन शिवलिंग के रुद्राभिषेक का महत्व माना जाता है और इस दिन भगवान शिव के पूजन और व्रत से सभी रोग और शारीरिक दोष समाप्त हो जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये पर्व जनवरी या फरवरी के माह में मनाया जाता है, इस वर्ष 14 फरवरी 2018 मंगलवार को महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों द्वारा उल्लास के साथ मनाया जाएगा।

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ज्योतिर्लिंग के साथ ही स्थापित है शक्तिपीठ, जानें क्या है देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम का महत्व

झारखंड के देवघर में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैद्यनाथ धाम में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यह धाम सभी ज्योतिर्लिंगों से सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस स्थान पर ज्योतिर्लिंग के साथ शक्तिपीठ भी मौजूद है। इस कारण से इस स्थान को ह्रदय पीठ या हार्द पीठ के नाम से भी जाना जाता है। जहां पर मंदिर स्थित है उस स्थान को देवघर यानी देवताओं का घर कहा जाता है। बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को कामना लिंग भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां आने

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महाशिवरात्रि 2018 पूजा सामग्री: जानें क्या है पूजन विधि और कैसे करें भगवान शिव का अभिषेक

Maha Shivratri 2018 Puja Samagri: शिवरात्रि के व्रत की हिंदू धर्म में महत्वता मानी जाती है। महिलाओं के लिए शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। अविवाहित महिलाएं सुवर के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं, वहीं पर विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार के लिए मंगलकामना करती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा था कि आप किस वस्तु से सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं तो भगवान शिव ने कहा था कि जो भक्त उनके लिए श्रद्धाभाव से व्रत करता है उनसे वो सबसे

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प्रदोष व्रत 2018 व्रत कथा: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है ये व्रत, जानें क्या है कथा

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने वाले भक्त की सभी मनोकामनाएं भगवान शिव पूरी करते हैं।प्राचीन काल में एक गरीब पुजारी था, उस पुजारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी अपने पुत्र को लेकर भीख मांगते हुए पोषण करते हैं। एक दिन भटकते हुए उसकी मुलाकात विदर्भ देश के राजकुमार से हुई जो कि अपने पिता की मृत्यु के

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कुंभ संक्रांति 2018: पवित्र नदियों में स्नान के साथ है दान-पुण्य की मान्यता, जानें क्या है इस दिन का महत्व

सूर्य के मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करने पर कुंभ संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार ग्यारहवें महीने की शुरुआत माना जाता है। कुंभ संक्रांति का पर्व हिंदुओं के लिए खास माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सभी देवता पवित्र नदियों में आकर स्नान करते हैं। कुंभ संक्रांति के पर्व पर ही कुंभ मेला लगता है। प्रत्येक 12 साल में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है। अंग्रेजी तिथि के अनुसार कुंभ संक्रांति 12 फरवरी को है। हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख मकर

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सूर्य देव को समर्पित ये मंदिर बना है रथनुमा, जानें क्या है कोणार्क मंदिर का महत्व

भारत के ओडिशा राज्य के कोणार्क में 13 वीं शताब्दी में बना कोणार्क मंदिर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर पूर्वी गंगा साम्रज्य के महाराजा नरसिंहदेव ने 1250 ई. में इस सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया था। इस मंदिर का आकार रथनुमा है। कोणार्क का सूर्य मंदिर यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रुप में मान्यता दी है। यह मंदिर सूर्य देव अर्थात अर्क को समर्पित था। जिन्हें स्थानीय लोग बिंरचि नारायण कहते थे। इसी कारण इस क्षेत्र को उसे अर्क क्षेत्र या पद्म क्षेत्र कहा जाता था। पौराणिक

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विजया एकदाशी 2018: शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए किया जाता है भगवान विष्णु का व्रत, जानें क्या है महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हर वर्ष 24 एकादशी के व्रत किए जाते हैं। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। अपने नाम के अनुसार इस एकादशी के दिन व्रत करने से विजय की प्राप्ति होती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को करने से सभी परिस्थितियों पर विजय करने का सामर्थ्य प्राप्त होता है। एक बार देवर्षि नारद ने ब्रह्मा जी से कहा हे ब्रह्मा जी, आप मुझे फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की विजया एकदशी का

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उत्तर-पूर्व दिशा में लगाया जाता है पौधा, जानें विष्णु पुराण अनुसार क्या हैं तुलसी के फायदे

प्राचीन काल से तुलसी को घर में रखा जाता है। तुलसी के बहुत महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में पवित्र और धार्मिक पौधा माना जाता है। कई धार्मिक कथाओं में तुलसी का जिक्र किया गया है। तुलसी के पौधे के बारे में ज्योतिषियों का कहना है कि तुलसी का पौधा घर में बहुत शुभ होता है। तुलसी को भगवान कृष्ण के भोग में रखना जरूरी माना जाता है। हर रोज घर में तुलसी

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पांडवों को नहीं देना चाहते थे भगवान शिव दर्शन, जानें क्या है केदारनाथ मंदिर का महत्व

उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में सम्मलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। पत्थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडव वंश के जनमेजय ने करवाया था। यहां स्थित स्वयंभू शिवलिंग अति प्राचीन माना जाता है। केदारनाथ धाम की पूरे संसार में महिमा मानी जाती है। मंदिर वास्तु शिल्प केदारनाथ मंदिर का प्रवेश द्वार 6 फीट ऊंचे चौकोर चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर में मुख्य

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