Lohri 2018: नाच-गाने के अलावा भी है लोहड़ी की अहमियत, जानें क्या?
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लोहड़ी पौष के अंतिम दिन यानि माघ संक्रांति से पहली रात को मनाई जाती है। मकर संक्रांति की पूर्वसंध्या पर इस त्योहार का विशेष उल्लास उत्तर भारत के राज्यों में देखने को मिलता है। लोहड़ी शब्द अनेक शब्दों को मिलाकर बनता है, जिसमें ‘ल’ का अर्थ है लकड़ी, ‘ओह’ का अर्थ गोहा होता है जिसे सूखे उपले कहा जाता है और ‘ड़ी’ का अर्थ होता है रेवड़ी। लोहड़ी के पर्व को लेकर अनेक मान्यताएं प्रचलित हैं जो पंजाब की सभ्यता से जुड़ती हुई दिखाई देती है। हर साल 13 जनवरी
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