CBI ने की थी देवरिया शेल्‍टर होम की जांच, फिर भी सामने नहीं आया था मामला

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम में लड़कियों संग रेप और यौन उत्पीड़न का मामला उजागार होने के बाद उत्तर प्रदेश के देवरिया में भी ऐसा ही मामला सामने आया। हालांकि इस मामले में खास बात यह है कि देवरिया शेल्टर होम की एक लड़की के पुलिस स्टेशन पहुंचने से पहले सीबीआई ने आर्थिक अनियमितताओं के चलते इसी शेल्टर होम की जांच की थी, फिर भी लड़कियों संग यौन शोषण की भनक किसी को नहीं लगी। अब यौन उत्पीड़न का मामला उजागार होने के बाद सीबीआई ने सफाई दी है। जांच एजेंसी ने कहा है कि उसने शेल्टर होम के संचालन और प्रबंधन की जांच नहीं की थी। अपने बयान में एजेंसी ने आगे कहा कि उसने उत्तर प्रदेश के शेल्टर होम्स की जांच की जिसमें देवरिया भी शामिल था, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने वहां रह रहे बच्चों के मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया। उनका काम गैर सरकारी संगठनों को जाने वाले फंडों की जांच करना था जो इन शेल्टर होम्स को चलाते थे। दरअसल साल 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य में गैर सरकारी संगठनों को मिलने वाले आर्थिक फंड में अनियमितताओं और कथित तौर पर दुष्कर्म के चलते सीबीआई को पूरे राज्य के शेल्टर होम्स से पूछताछ करने को कहा था।

हालांकि सीबीआई के प्रवक्ता अशोक दयाल का कहना है कि इसमें उनकी भूमिका बहुत छोटी थी। उनका काम एनजीओ को हो रहे फंड आवंटन और आर्थिक गबन को देखना था। सीबीआई ने किसी एनजीओ का दौरा नहीं किया। ना ही देवरिया के शेल्टर होम का दौरा किया, चूंकि जांच में यह जरूरी नहीं था कि वहां जाया जाए। अशोक दयाल ने आगे बताया कि पूरे राज्य में शेल्टर होम चलाने वाले शेल्टर होम के मैनेजरों को सीबीआई द्वारा उनके आर्थिक रिकॉर्ड के साथ बुलाया गया था। इसमें देवरिया के मैनेजर को भी बुलाया गया था। तब सारी जांच आर्थिक अनियमितताओं और दुर्व्यव्यवहार को लेकर की गई थीं। सभी जानकारी सीबीआई ने बिना किसी शेल्टर होम का दौरा किए जुटाई थीं। प्रवक्ता ने आगे बताया कि मामले में सीबीआई दो रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमा कर चुकी है। लेकिन अभी तक ना कोई शुरुआती जांच शुरू की गई है और ना ही मामले में कोई एफआईआर दर्ज की गई है।

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