पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में SIT ने गौरी लंकेश को गोली मारने वाले शख्स को किया गिरफ्तार

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले की जांच कर रही SIT को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने गौरी लंकेश को गोली मारने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि CCTV फुटेज के आधार पर हत्यारे की पहचान हुई. गौरी लंकेश केस में यह चौथी गिरफ्तारी है.

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि परशुराम को अवैध हथियार की सप्लाई के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के दौरान गौरी लंकेश की हत्या में उसकी संलिप्तता का पता चला. पुलिस ने परशुराम को कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है.

मामले की जांच कर रही SIT के सूत्रों ने बताया कि परशुराम एक अन्य आरोपी के साथ बाइक पर आया था. परशुराम बाइक चला रहा था और उसी ने गौरी लंकेश पर गोली चलाई. बाइक पर पीछे बैठने वाले आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. पुलिस अब परशुराम से पूछताछ कर गौरी लंकेश की हत्या के पीछे की साजिश के बारे में पता लगाएगी.

एक ही बंदूक से हुई थी गौरी लंकेश और कलबुर्गी की हत्या

हाल ही में गौरी लंकेश की हत्या के मामले में आई फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में अहम खुलासा हुआ था. FSL रिपोर्ट के मुताबिक, गौरी लंकेश की हत्या में उसी बंदूक का इस्तेमाल किया गया, जिससे कर्नाटक के ही प्रख्यात तर्कवादी और लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या की गई थी. एफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक, गौरी लंकेश और एमएम कुलबुर्गी की हत्या में 7.65 एमएम के देसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था.

बता दें कि कर्नाटक SIT ने 21 मई को दावनगिरी जिले से एक आरोपी अमोल काले को गिरफ्तार किया था, जिस पर कलबुर्गी की हत्या में शामिल होने का भी आरोप है. कलबुर्गी की हत्या की जांच कर रही एसआईटी का कहना है कि कलबुर्गी का दरवाजा खटखटाने वाले दो आरोपियों में अमोल काले भी शामिल था.

30 मई को दाखिल हुई पहली चार्जशीट

बता दें कि गोरी लंकेश मर्डर केस में कर्नाटक पुलिस ने तीन दिन पहले 30 मई को चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें पुलिस भी इस नतीजे पर पहुंची है कि हिंदू धर्म की आलोचना के चलते ही गौरी लंकेश की हत्या की गई थी.

चार्जशीट में केटी नवीन कुमार को मुख्य आरोपी बनाया गया है. इसके साथ ही प्रवीन कुमार को भी आरोपी बनाया गया है, जो कि फिलहाल फरार है. करीब 600 पेज की इस चार्जशीट में 100 लोगों के नाम बतौर गवाह दर्ज है.

हालांकि 600 पेज की इस चार्जशीट के 110 पेज सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, गौरी लंकेश की हत्या की वजहों और साजिश की जानकारी इन्हीं 110 पेज में है. इसके अलावा मुख्य आरोपी नवीन कुमार के बयान को भी सार्वजनिक नहीं किया गया है.

 

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