दिल्ली/एनसीआर में डेंगू इलाज के नाम पर फिर लूट: 21 दिन के इलाज का बिल 16 लाख रुपये

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पातल में डेंगू के इलाज के लिए 16 लाख रुपये बिल थमाने का मामला अब तक थमा नहीं है। इस बीच ऐसी ही एक और हैरान करने वाली खबर आई है। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में डेंगू पीड़ित बच्चे का इलाज करने के नाम पर 15 लाख 88 हजार रुपये का बिल थमा दिया। अस्पताल में 22 दिनों तक बच्चे का इलाज हुआ था, लेकिन बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुई। आखिरकार बच्चे को 20 नवबंर को दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 22 नवंबर को उसकी मौत हो गई। बच्चे के पिता गोपिंदर सिंह परमार ने इस मामले में  शुक्रवार (22 दिसंबर) को गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। गुरुग्राम पुलिस के पीआरओ ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है। पेशे से एलआईसी एजेंट गोपिंदर सिंह परमार ने अपने 7 साल के बेटे शौर्य प्रताप को बीते 30 अक्टूबर को मेदांता में भर्ती करवाया था। गोपिंदर के मुताबिक अस्पातल में  उसके बेटे का 22 दिन तक इलाज किया गया। अस्पताल का बिल चुकाने में उसे कई लोगों से कर्ज लेना पड़ा। लेकिन उसका बच्चा नहीं बच सका।

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Complaint received at Police Station Sadar yesterday, complainant has leveled allegation on Medanta Hospital (Gurugram), their child suffering from dengue was admitted in the hospital, huge bill penalty was imposed on them. Investigation is underway: Gurugram Police PRO pic.twitter.com/khiByjGOBw

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My child was there in the hospital for 21 days, the hospital gave us a bill of Rs 15.88 lakh. We had to request people for money, the hospital has looted us in the name of treatment: Father of the deceased child #Gurugram pic.twitter.com/WUKz5SzscS

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 पीड़ित का कहना है कि पहले तो डॉक्टर उसके बेटे का इलाज करते रहे, लेकिन जब बीमारी डॉक्टरों के कंट्रोल में नहीं रही तो उन्होंने बच्चे को सरकारी अस्पताल में ले जाने को कह दिया। गोपिंदर परमार का कहना है कि अस्पताल ने इलाज के नाम पर उसे लूटा है। राजस्थान के रहने वाले गोपिंदर से हरियाणा सरकार से इंसाफ की मांग की है। गोपिंदर राजस्थान का रहने वाला है, इस इलाज में उसने अपना बेटा तो खोया ही, उसकी सारी पूंजी भी खत्म हो गई। गुरुग्राम सदर पुलिस स्टेशन के एसएचओ का कहना है कि पुलिस सभी मेडिकल दस्तावेज का जांच कर कार्रवाई करेगी।

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