एक लाख में लड़कियों को खरीदकर सेक्स वर्कर बनाने वाली दिल्ली की लेडी डॉन सोनू पंजाबन के खिलाफ चार्जशीट दायर

दिल्ली की लेडी डॉन सोनू पंजाबन के खिलाफ आखिरकार क्राइम ब्रांच ने नाबालिग के अपहरण और वेश्यावृत्ति कराने के मामले में चार्जशीट फाइल कर दी है। इस केस में अभी कुछ और लोगों की गिरफ्तारियां होनी हैं। पुलिस ने सोनू के सहयोगी संदीप के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया है। चार्जशीट के मुताबिक संदीप सोनू की शह पर लड़कियों के अपहरण कर उनसे देह व्यापार कराता था। दोनों के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म, आपराधिक साजिश रचने और नाबालिक से वेश्यावृत्ति कराने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स, के मुताबिक ज्वाइंट कमिश्नर(क्राइम) ने चार्जशीट के बारे में पुष्टि की है।
मामला 2014 का है। जब अपहरण की शिकार एक 16 वर्षीय लड़की बदमाशों के चंगुल से भाग कर पुलिस के पास पहुंची थी। बाद में संदेहास्पद हालत में वह लड़की गुमशुदा हो गई थी। जिसके बाद डीसीपी क्राइम भीष्म सिंह ने महिला सब इंस्पेक्टर पंकज नेगी और दो कांस्टेबल्स की टीम बनाकर लड़की की बरामदगी का निर्देश दिया था। टीम ने इस मामले में साइबर सेल की मदद ली तो कुछ संकेत मिले। उधर सब इंस्पेक्टर नेगी को लड़की की एक दोस्त का नंबर मिला। जिसके सहारे टीम लड़की तक पहुंचने में सफल रही।

लड़की अपहरणकर्ताओं के बारे में कुछ भी बताने से घबरा रही थी मगर पुलिस ने हौसला बढ़ाकर उससे तमाम सवालों के जवाब हासिल किए। इस मामले में सोनू पंजाबन का हाथ सामने आया। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक सोनू ने 2009 में देह धंधा संचालित करने वाले किसी गिरोह से लड़की को एक लाख रुपये में खरीदा था। फिर उसे ड्रग्स देकर एडिक्ट बना दिया। इसके बाद सोनू पंजाबन लड़की को जबरन ग्राहकों के पास भेजने लगी। बाद में उसने दूसरे गिरोह को लड़की भेज दी।

फिर 2013 में लड़की को किसी और ने खरीद लिया। इस बीच वह लड़की रोहतक से बस से भागकर नजफगढ़ पहुंची और पुलिस को अपनी आपबीती बताई। पुलिस की जांच में पता चला कि ईस्ट ऑफ कैलाश में रहने वाली सोनू पंजाबन और उसका पंचशील विहार निवासी संदीप नामक दोस्त नाबालिग को देहधंधे के दलदल में धकेलने में शामिल हैं। जिसके बाद उनके खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट पेश की। बता दें कि सेक्स रैकेट चलाने मे इससे पहले सन् 2008 में भी सोनू पंजाबन की गिरफ्तारी हो चुकी है। बाद में वह तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुई थी। बावजूद इसके उसने सेक्स रैकेट संचालन बंद नहीं किया और फिर गिरफ्तार हुई।

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