उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी के मौके पर गुब्बारा फोड़ने के विवाद में बच्चे की पीट-पीटकर हत्या


उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के नादरोई गांव में जन्माष्टमी के मौके पर एक बच्चे की बुरी तरह पिटाई करने का मामला सामने आया है। इससे उसकी मौत हो गई है। आरोप है कि पांच बच्चों ने अनुसूचित जाति के एक 12 वर्षीय बच्चे की बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद उसकी तीबयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गइ। पिटाई के पीछे वजह ये थी कि उस बच्चे ने गांव के चामंडा मंदिर में सजाए गए गुब्बारे को फोड़ दिया था। पुलिस ने सभी पांच नाबालिग बच्चों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए और एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

एसपी (क्राइम) आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि “मामले की जांच चल रही है। शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया गया है। रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।” मृतक के दोस्त सूरज, जो वहां मौके पर मौजूद था, ने बताया कि, “जन्माष्टमी के मौके पर मैं अपने दोस्त के साथ मंदिर घूमने गया था। इस दौरान मेरा दोस्त मंदिर में सजाए गए गुब्बारे को छूने लगा। इस दौरान पांच बच्चे आए और उसके दोस्त को डांटने लगे। अचानक एक गुब्बारा फूट गया। तब उनलोगों ने मेरे दोस्त की बुरी तरह पिटाई की। एक ने उसके हाथ पकड़े, दो लोगों ने पैर और दो लोग बुरी तरह उसके पेट पर मारने रहे थे। मैं डर गया और तुरंत दौड़ा-दौड़ा उसके घर गया। उसकी मां को इस घटना के बारे में बताया।”

टाईम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के चचेरे भाई चंद्रपाल ने बताया कि, “घटना की सूचना मिलते ही मां सावित्री देवी घबरा गईं और ग्राम प्रधान श्याम सुंदर उपाध्याय को इसके बारे में सूचना दी। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। रात को करीब 2:30 में उसके भाई के पेट में तेज दर्द शुरू हुआ। उसकी मां उसे स्थानीय डॉक्टर के पास ले गई लेकिन राहत नहीं मिली। शाम चार बजे उसे फिर दूसरे डॉक्टर के पास ले गईं, जिन्होंने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। बुधवार को करीब 11 बजे उसे अलीगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डेढ़ घंटे बाद साढ़े 12 बजे उसकी मौत हो गई।” मृतक के पिता 8 साल पहले ही गुजर गए थे। उसकी मां मजदूरी कर किसी तरह घर चला रही थी। घर में तीन बेटे और एक बेटी थी। मृतक घर का सबसे छोटा सदस्य था।

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