भारत के सेना प्रमुख पर भड़का चीन, कहा- मोदी-जिनपिंग की हुई बातचीत के खिलाफ है बिपिन रावत का बयान
चीन ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के उस बयान पर एतराज जताया है, जिसमें उन्होंने ‘देश को दो मोर्चो पर लड़ाई के लिए तैयार रहने’ के लिए कहा था। चीनी सरकार ने गुरुवार को कहा कि सेना प्रमुख का यह बयान इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग की मुलाकात के दौरान पैदा हुई सहयोग की भावना के खिलाफ है। चीनी सरकार के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, ‘दो दिन पहले राष्ट्रपति शी-जिनपिंग ने प्रधानमंत्री को संकेत दिए थे कि दोनों देश एक दूसरे के लिए खतरा नहीं, बल्कि विकास के विकल्प हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘हम नहीं जानते कि उन्होंने जो बयान दिया है, उसके लिए उन्हें अधिकृत किया गया है या फिर उन्होंने अचानक ये बयान दे दिया या फिर उनका यह बयान भारतीय सरकार का रुख जाहिर करता है।’
बता दें, बुधवार को सेना प्रमुख ने एक प्रोग्राम के दौरान कहा था कि देश को दो मोर्चो पर लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि चीन ने ‘आंख दिखाना’ शुरु कर दिया है जबकि पाकिस्तान के साथ सुलह की भी कोई गुजाइंश नजर नहीं आती है। सेना प्रमुख ने चेतावनी दी कि उत्तरी सीमा पर यह स्थिति धीरे धीरे एक बड़े संघर्ष का रुप ले सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि ये संघर्ष एक स्थान और समय तक सीमित रहें या ऐसा भी हो सकता है कि ये पूरे सीमा क्षेत्र में एक पूरे युद्ध का रूप ले लें । और ऐसे में पाकिस्तान इस स्थिति का फायदा उठाने की फिराक में रहेगा।
जनरल बिपिन रावत ने कहा था, ‘हमें तैयार रहना होगा । हमारे संदर्भ में, युद्ध जैसी स्थिति हकीकत के दायरे में है। बाहरी सुरक्षा खतरों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए तीनों सेवाओं में सेना की सर्वोच्चता बनी रहनी चाहिए।’ सेना प्रमुख की टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग डोकलाम टकराव को पीछे छोड़ते हुए भारत चीन संबंध पर आगे बढ़ने पर सहमत हुए।
जनरल रावत ने कहा था कि भारत चीन के खिलाफ अपनी चौकसी कम करने का जोखिम नहीं ले सकता। जहां तक उत्तर की बात है तो आंख दिखाना शुरू हो गया है। हमें उन स्थितियों के लिए तैयार रहना होगा जो धीरे धीरे संघर्ष में तब्दील हो सकती हैं।