बाबरी मस्जिद विवाद: एक पक्षकार का आरोप- दावा छोड़ने के लिए सुन्नी बोर्ड से हो रही है 20 करोड़ की डील
बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद में एक नया खुलासा हुआ है। इस मामले में एक पक्षकार ने आरोप लगाया है कि विवादित जमीन पर दावा छोड़ने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड से 20 करोड़ रुपए की डील हो रही है। यह निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख और कई दशकों पुराने इस विवाद के तीन में से एक पक्षकार महंत दिनेंद्र दास ने कहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बारे में श्री श्री रविशंकर ही सुन्नी वक्फ बोर्ड से मध्यस्थता करेंगे।
इनके साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य एजाज अरशद कासमी ने भी कहा है कि श्री श्री रविशंकर चाहते हैं कि मुस्लिम इस विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ दें। कासमी ने 6 अक्टूबर को बेंगलुरू में श्री श्री रविशंकर से मुलाकात की थी। अब कासमी का कहना है कि अभी तक श्री श्री ने समझौते का कोई भी मॉडल पेश नहीं किया है। मॉडल पेश होगा, तभी को बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि श्री श्री चाहते हैं कि मुस्लिम विवादित जमीन गिफ्ट दे दें और दूसरी जगह जमीन लेकर मस्जिद बना लें। श्री श्री पर यह आरोप उनकी अयोध्या यात्रा के दिन लगाए गए हैं।
वहीं विश्व हिन्दू परिषद भी श्री श्री रविशंकर के मध्यस्थता करने के फैसले के खिलाफ है। वीहीप ने बुधवार को कहा कि पुरातात्विक साक्ष्य मिलने के बाद राम जन्म भूमि को लेकर सुलह-समझौते की रट का अब कोई औचित्य नहीं है,न्यायालय साक्ष्य मांगता है, जो हिन्दुओं के पक्ष में है। फिर बातचीत कैसी और क्यों। परिषद ने कहा कि श्री श्री रविशंकर देश के सम्मानित संत हैं और हम उनका सम्मान करते हैं। उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि समझौते के तमाम प्रयास पहले भी हुये ,अनेक प्रधान मंत्री, सरकारें और शंकराचार्य इसके लिए प्रयास करते रहे लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला।
ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा, ‘ऐसा बताया जा रहा है कि रविशंकर इस विवाद को सुलझाने के लिए संबंधित सभी पक्षों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने मुस्लिम पक्ष की रहनुमाई कर रहे ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के शीर्ष नेतृत्व से ही अब तक कोई संपर्क नहीं किया।’ उन्होंने कहा कि रविशंकर ने करीब 12 साल पहले भी ऐसी पहल करते हुए यह नतीजा निकाला था कि विवादित स्थल हिंदुओं को सौंप दिया जाए। अब वह कौन सा फार्मूला लेकर आये हैं, यह तो वही बताएंगे।
इस बीच बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने रविशंकर के प्रयासों पर कहा कि उनके सामने ऐसा माहौल बनाया गया, कि जैसे सभी पक्ष बातचीत को तैयार हैं। मगर अब विहिप ने ही उनका विरोध शुरू कर दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर रविशंकर के पास मुसलमानों की विवादित स्थल से बेदखली के अलावा कोई और प्रस्ताव हो तो पेश करे। अगर वह इस लायक होगा तो कमेटी की बैठक बुलायी जाएगी।