कोचीन के इंजीनियरिंग कॉलेज में एक सेमिनार के दौरान छात्रों को बीफ कटलेट परोसे जाने के बाद विवाद

कोचीन विश्‍वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज में एक सेमिनार के दौरान छात्रों को बीफ कटलेट परोसे जाने के बाद विवाद हो गया है। एएनआई के अनुसार, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कुट्टानद से छात्रों के एक समूह ने अलप्पुझा के जिलाधिकारी को शिकायत की है। छात्रों ने कहा है कि जब उन्‍होंने कटलेट खा लिया तब उन्‍हें पता चला कि उसमें बीफ इस्‍तेमाल हुआ है। उत्‍तर भारत से आने वाले छात्रों ने सरकार को शिकायत में कहा है कि यह ”उनकी गरिमा को गिराने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए” किया गया। यह घटना गुरुवार (25 जनवरी) की है, जब यहां पर डिजिटल बैंकिंग को लेकर एक सेमिनार चल रहा था। छात्रों ने इस पूरे प्रकरण का जिम्‍मेदार प्रिंसिपल डॉ सुनील कुमार एन को बताया है। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने उनके संस्‍थान को एक नोटिस भेजकर सरस्‍वती पूजा रोकने को भी कहा था। छात्रों के अनुसार, प्रिंसि‍पल ने ऐसा इसलिए किया क्‍योंकि उसी समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की केरल हड़ताल (कन्‍नूर में संगठन के कार्यकर्ता की हत्‍या के विरोध में) होनी थी।

समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में बिहार के एक इंजीनियरिंग छात्र ने कहा, ”जब स्‍नैक्‍स परोसे गए तो हमने स्‍टाफ से पूछा कि यह वेजेटेरियन है या नॉन-वेज है। हमें बताया गया कि यह वेज है। कुछ देर बाद जब कुछ मलयाली छात्रों ने कटलेट खाया तो उन्‍होंने कहा कि यह तो बीफ कटलेट है। मगर तब तक कई वेजेटेरियन छात्र और कई ऐसे छात्र जो बीफ नहीं खाते, बीफ खा चुके थे।” छात्र ने आगे कहा, ”स्‍टूडेंट्स बहुत परेशान हैं…वे अपने परिवार को भी यह बात नहीं बता पा रहे। हम अपने धर्म के अनुसार बीफ नहीं खाते।”

 

हालांकि चैनल से बातचीत में प्रिंसिपल ने इसका ठीकरा उन बैंक अधिकारियों पर फोड़ा, जिन्‍होंने सेमिनार कराया था। उन्‍होंने कहा, ”मुझे नहीं पता था कि नॉन-वेज स्‍नैक्‍स परोसे गए हैं, बीफ की तो बात ही छोड़ दीजिए।” प्रिंसिपल ने यह भी कहा क‍ि उन्‍हें छात्रों की तरफ से कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।

छात्रों ने कहा क‍ि उन्‍होंने प्रिंसिपल के खिलाफ सीधे डीएम को शिकायत की क्‍योंकि वह पहले उन्‍हें कैंपस के भीतर ‘सरस्‍वती पूजा’ से रोक चुके हैं। उसी समय राज्‍य में एबीवीपी द्वारा अपने कार्यकर्ता की हत्‍या के विरोध में हड़ताल की जा रही थी। छात्रों के मुताबिक, प्रिंसिपल ने उनकी ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने’ की कोशिश की।

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