गुजरात चुनाव: कांग्रेस को बीजेपी द्वारा ईवीएम हैक करने का डर, अपने उम्मीदवारों को दे रही ट्रेनिंग

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा ईवीएम से छेड़छाड़ होने का मुद्दा उठाया गया था, जिसके बाद अब कांग्रेस को गुजरात विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को बीजेपी द्वारा हैक किए जाने का डर सता रहा है। इसी वजह से पार्टी अपने उम्मीदवारों और पोलिंग एजेंट्स को खास ट्रेनिंग दे रही है। कांग्रेस अपने प्रत्याशियों और पोलिंग एजेंट्स को प्रशिक्षण मापांक के तहत ईवीएम से जुड़ी हुई कई महत्वपूर्ण बातें बता रही है। इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक इस महत्वपूर्ण चुनाव में पार्टी किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। कांग्रेस ने प्रत्याशियों और एजेंट्स के लिए एक मापांक तैयार किया है, जिसके तहत ईवीएम के कामकाज के बारे में बताया जाएगा।

क्या पिछले मतदान का डाटा ईवीएम से पूरी तरह साफ कर दिया गया है? आपके सामने वोटिंग मशीन (ईवीएम) को सील किया गया है या नहीं? यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदान के वक्त जो मशीन उपयोग की गई है उसी मशीन को आपके सामने सील किया गया है या नहीं इसके लिए मशीन और सील के नंबर्स को चेक करें… ये कुछ जरूरी बातें कांग्रेस अपने वोटिंग एजेंट्स को सिखा रही है, ताकि किसी भी तरह की कोई चूक ना हो पाए। इसके साथ ही पार्टी ने राज्य इकाइयों को निर्देश देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा है कि चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे ट्रेनिंग प्रोग्राम में ईमानदारी से अटेंड किया जाए।

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता का कहना है, ‘चुनाव आयोग इस बात का ध्यान रख रहा है कि किसी भी तरह से ईवीएम को हैक ना किया जाए, लेकिन इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं जहां मशीन में किसी दूसरे पार्टी के सिंबल पर बटन दबाने के बाद भी वोट बीजेपी को जा रहा था। इसलिए हमने पोलिंग एजेंट्स के लिए एक मापांक (मॉड्यूल) तैयार किया है, ताकि वे इस बात का ध्यान रखें कि सब सही से हो रहा है या नहीं। पोलिंग एजेंट्स के लिए इस तरह के मॉड्यूल कोई नई बात नहीं है, लेकिन हम किसी भी तरह की चूक नहीं चाहते।’

ऐसा पहली बार हो रहा है कि सभी मतदान केंद्रों में वीवीपीएटी (वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मशीन से वोटर जब मतदान करेगा तब एक पर्चा बाहर आएगा जो कि यह सुनिश्चित करेगा कि वोटर द्वारा डाला गया वोट उसी पार्टी को गया है जिसके सिंबल के सामने उसने बटन दबाया था। ईसी ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए वीवीपीएटी मशीन के इस्तेमाल की सुविधा दी है। हालांकि कांग्रेस को ईसी के इस कदम से भी कुछ खास खुशी नहीं है। पार्टी के एक नेता का कहना है, ‘सभी बूथों में पेपर टैली की सुविधा नहीं है, केवल 10 फीसदी केंद्रों में यह सुविधा है। इसलिए इससे कुछ खास मदद नहीं मिलेगी, ऐसे में हम सावधान रहना चाहते हैं और यही कारण है कि हम अपने कार्यकर्तओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं।’

गुजरात में कुल 70,182 वीवीपीएटी मशीनें इस्तेमाल की जानी हैं। बता दें कि गुजरात में 182 सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण का चुनाव 9 दिसंबर को है, जिसमें 89 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे तो वहीं दूसरे चरण के लिए मतदान 14 दिसंबर को है, इस दिन बाकी 93 सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। वोटिंग के परिणामों का ऐलान 18 दिसंबर को होगा।

 

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