पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ कांग्रेस करेगी राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन, चलाया जाएगा हस्ताक्षर अभियान

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि वह पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में ‘‘बेजा बढ़ोतरी’’ के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन शुरू करेगी। शुल्क में बढ़ोतरी की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम में खासी बढ़ोतरी हुई है। भाजपा सरकार पर आम आदमी को ‘‘लूटने’’ और उनके खर्च पर ‘‘मुनाफाखोरी’’ करने का आरोप लगाते हुये कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि ‘‘जब तक कठोर कराधान व्यवस्था वापस नहीं ली जाती’’ कांग्रेस अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि अगर आप 100 रूपए का पेट्रोल खरीदते हैं तो इसमें से 51.78 रुपए करों में चला जाता है, जबकि इतने ही रुपए के डीजल में 44.40 रुपए कर के तौर पर जाते हैं।

उन्होंने ईंधन पर लगाए गए करों तथा उनसे सरकार को हुए मुनाफे पर श्वेत पत्र लाने की मांग की और कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर देशभर में प्रदर्शन करेगी। यह प्रदर्शन 20 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी से शुरू होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आम आदमी पर इस बोझ और सरकार के अपनी तिजोरी भरने के खिलाफ कांग्रेस एक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन शुरू करेगी।’’ माकन ने कहा कि कांग्रेस 17 सितंबर से पेट्रोल पंपों पर हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी और 20 सितंबर से बड़ा प्रदर्शन शुरू करेगी।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार आलोचनाओं से घिरी हुई है। पेट्रोल-डीजल की कीमतो की दैनिक समीक्षा की मौजूदा नीति भी आलोचनाओं के घेरे में है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार (13 सितंबर) को मीडिया के इस बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि दैनिक समीक्षा की नीति जारी रहेगी। पिछले एक महीने में पेट्रोल की कीमत में सात रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि मोदी सरकार ने 16 जून से पेट्रोल की कीमतों की दैनिक समीक्षा नीति लागू की है।

 

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