कैडबरी मिल्क चॉकलेट में मिले कीड़े, कोर्ट ने ठोका 55,090 रुपये का जुर्माना!

लोकप्रिय कैडबरी मिल्क चॉकलेट बनाने वाली कंपनी कैडबरी इंडिया की पैरेन्ट्स कंपनी मॉन्डेल्ज इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड पर कोर्ट ने जुर्माना लगाया है। टीओआई के मुताबिक आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले की उपभोक्ता अदालत ने बैक्टेरिया संक्रमित चॉकलेट सप्लाय करने, सेवा में लापरवाही बरतने और खामी उजागर होने पर कंपनी पर कुल 55,090 रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में न केवल 50,000 रुपये का हर्जाना देने को कहा है बल्कि उपभोक्ता द्वारा किए गए अदालती खर्च यानी 5000 रुपये का भार भी उठाने को कहा है। इसके अलावा दो चॉकलेट की कीमत यानी 90 रुपये भी लौटाने को कहा है।

दरअसल, गुंटूर जिले के ब्रॉडिपेट में रहने वाली डारला अनुपमा ने पिछले साल 17 जुलाई को स्थानीय दुकान से कैडबरी मिल्क के दो चॉकलेट (रोस्ट अलमंड) खरीदे थे लेकिन जब उसके घर के लोगों ने चॉकलेट खाया तो उन्हें उसका स्वाद बदला-बदला सा नजर आया। जब दूसरे चॉकलेट का रैपर हटाया तो अनुपमा यह देखकर हैरान रह गई कि उसके अंदर फफूंदी टाइप का कुछ जमा हुआ है और वो कड़ा हो चुका है। इसके बाद अनुपमा ने मॉन्डेल्ज कंपनी को ई-मेल के जरिए इसकी शिकायत की और उन्हें इससे जुड़ी तस्वीरें भी भेजीं।

ई-मेल मिलते ही कंपनी के प्रतिनिधि ने अनुपमा से संपर्क किया और मामले को अधिक नहीं उछालने का अनुरोध किया। प्रतिनिधि ने उस चॉकलेट का सैंपल भी अनुपमा से ले लिया। बाद में जब कंपनी ने इस मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की तो अनुपमा ने 6 अगस्त, 2016 को उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। उसने अपने आवेदन में मानसिक प्रताड़ना झेलने के एवज में पांच लाख रुपये के मुआवजे की मांग की। मामले की सुनवाई करते हुए फोरम ने चॉकलेट बनानेवाली कंपनी और रिटेलर को बुलाया। रिटेलर ने यह तर्क दिया कि प्रोडक्ट की क्वालिटी मेंटेन रखने में उसकी कोई भूमिका नहीं है। कंपनी ने जिस तरह पैक्ड सामान दिया, उसी तरह पैक्ड उसने ग्राहक को दिया। फोरम ने रिटेलर की बातों पर सहमति जताई।

दूसरी तरफ कंपनी के वकील ने आवेदन खारिज करने की मांग की क्योंकि आवेदक ने सैंपल जमा नहीं कराया था लेकिन वो इस बात से इनकार नहीं कर सका कि आवेदक ने लिखित रूप में शिकायत दर्ज कराई है। कंपनी के जिस प्रतिनिधि ने पीड़ित उपभोक्ता से सैंपल लिए थे वह बार-बार समन जारी करने के बाद भी फोरम के सामने पेश नहीं हो सका। इसके बाद कंज्यूमर फोरम ने सभी तथ्यों के देखते हुए कंपनी पर सर्विस में खामी पाने के आरोप में 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा अदालती खर्च के रूप में 5000 रुपये और दो चॉकलेट की कीमत 90 रुपये कुल 55,090 रुपये जमा करने का आदेश दिया।

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