जम्मू-कश्मीर सेक्स स्कैंडल केस में पूर्व दिग सहित 5 लोगों को कोर्ट ने दी 10 साल की सजा
जम्मू-कश्मीर में 2006 के सेक्स स्कैंडल में दोषी ठहराये गए बीएसएफ के पूर्व उपमहानिरीक्षक (DIG) सहित पांच दोषियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है. इससे दो दिन पहले ही सजा पर दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं. विभिन्न आधारों पर सजा में नरमी की मांग भी की गई थी, जबकि सरकारी वकील ने उसका जबर्दस्त विरोध किया था.
30 मई को अदालत ने इस मामले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व उपमहानिरीक्षक केसी पाधी और जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व उपाधीक्षक मोहम्मद अशरफ मीर सहित पांच व्यक्तियों को दोषी ठहराया था. दोषी पाए गए अन्य तीन व्यक्ति मसूद अहमद, शबीर अहमद लांगू और शबीर अहमद लावेय के नाम शामिल हैं.
अदालत ने पूर्व अतिरिक्त एजी अनिल सेठी और मेहराजूद्दीन मलिक को बरी कर दिया. दो अन्य आरोपियों शबीना जो कथित रुप से वेश्यालय चलाती थी और उसके पति अब्दुल हामिद बुल्ला की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी. पाधी के वकील ने अपने मुवक्किल के आचरण और उम्र (67 साल) को ध्यान में रखकर कम सजा की मांग की है.
बीएसएफ के पूर्व उपमहानिरीक्षक केसी पाधी की पत्नी सुनवाई के दौरान चल बसी. उनकी दो बेटियों की शादी हो गई है. वह घर में अकेले रहते हैं. उनके वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लिया. पिछली कोई दोषसिद्धि नहीं है. उन्हें पता नहीं था कि पीड़ता नाबालिग थी.
ऐसे हुआ था खुलासा
बताते चलें कि अप्रैल 2006 में एक नाबालिग लड़की पुलिस के पास पहुंची. उसने पुलिस को बताया कि उसका बलात्कार हुआ है. बच्ची ने कहा कि उसे कुछ नशीली चीज खिलाकर ले जाया गया था. पुलिस ने इस मामले की जांच की, तो सुई सबीना नामक एक औरत तक पहुंची. पुलिस ने सबीना को पकड़ लिया.
कई सारे राज उगले
उससे पूछताछ में पता चला कि वो छोटी बच्चियों को सप्लाई करने का धंधा करती थी. सबीना ने कई सारे राज उगल दिए. उसने बताया कि वो नेताओं, बड़े-बड़े नौकरशाहों और पुलिस अफसरों के पास बच्चियां भेजती थी. सबीना के पास से पुलिस को दो वीडियो सीडी भी मिली. इसमें काफी कुछ था. कई सारे राज बाहर आए.
CBI के हवाले केस
जम्मू कश्मीर पुलिस ने उस वीडियो में दिखाई दे रही नाबालिग लड़कियों की पहचान की. उनसे बात करके कई लोगों का पर्दाफाश किया. इस तरह करीब 56 लोगों के नाम सामने आए थे. इसके बाद तो जैसे पूरे जम्मू-कश्मीर में बवाल मच गया. जून 2006 में ये केस CBI के हवाले कर दिया गया था.