सीसीटीवी फुटेज देखकर कोर्ट को चला पता की ये रेप नही सहमति से बने थे संबंध, पीड़िता को भेजा गया नोटिस

देश में बढ़ते महिला अपराध की घटनाओं के बीच एक फास्ट ट्रैक कोर्ट के सामने रेप की एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे मामले की गहन जांच के बाद कोर्ट ने रेप पीड़िता को नोटिस भेज कर दंडित करने की बात कही है। दरअसल, कोर्ट ने यह नोटिस पीड़िता को रेप के झूठे आरोप को लेकर दिया है। कोर्ट ने पीड़िता से पूछा है कि रेप के झूठे आरोप लगाने को लेकर आपको क्यों नहीं दंडित किया जाना चाहिए।

दरअसल, पीड़िता के रेप के आरोप पर की गई जांच में सामने आया है कि उसके और आरोपी के बीच संबंध उनकी सहमति से बने थे। कोर्ट के सामने इस बात का खुलासा घटना के सीसीटीवी फुटेज के बाद हुआ। घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे से निकले फुटेज को आधार मानते हुए कोर्ट ने रेप के आरोप को झूठा ठहरा दिया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीसीटीवी वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि आरोपी और पीड़िता के बीच संबंध आपसी सहमति से बने। कोर्ट ने रेप के आरोप को गलत मानते हुए नई दिल्ली निवासी आरोपी को बरी कर दिया और झूठा आरोप लगाने पर युवती को दंडित किए जाने की बात कही।

महिला ने आरोप लगाया था कि 2007 में उसका पति से तलाक हो गया था। जिसके बाद वह एक मैरिज वेबसाइट के माध्यम से उस युवक के संपर्क में आई थी। एक दिन वह आरोपी ने उसको घर पर बुलाया जहां उसको कॉफी आॅफर की गई। आरोप है कि कॉफी पीते वह बेहोश हो गई और उसकी बेहोशी का फायदा उठाकर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। वहीं मामले में शामिल युवक का कहना है कि उसके 2007 से महिला से संबंध हैं। यही नहीं वह महिला का पूरा खर्च भी खुद ही उठाता है। इसके साथ ही युवक ने सारे आरोपों को गलत बताते हुए यह भी साबित किया कि महिला और उसके बीच सहमति से संबंध बने थे। युवक ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज कराया है।

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