CPIM कार्यकर्ताओं ने अपने पूर्व विद्रोही नेता की 51 बार चाकू मार कर ली थी जान, 5 बार तोड़ा स्‍मारक

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद राज्‍य में लेनिन की मूर्तियां तोड़ दी गईं। वामपंथी दलों ने इसकी कड़ी आलोचना की, लेकिन वाम मोर्चा शासित केरल की स्थिति इससे अलग नहीं है। दरअसल, टीपी चंद्रशेखरन ने माकपा से बगावत कर रिवोल्‍यूशनरी मार्क्सिस्‍ट पार्टी (आरएमपी) का गठन किया था। माकपा कार्यकर्ताओं को चंद्रशेखरन का यह कदम इस हद तक नागवार गुजरा की उन्‍होंने कोझीकोड जिले के वल्‍लीकाडू गांव में 4 मई, 2012 की रात को चाकू गोदकर उनकी हत्‍या कर दी थी। माकपा कार्यकर्ताओं ने उन्‍हें एक-दो नहीं बल्कि 51 बार चाकू मारे थे। चंद्रशेखरन की हत्‍या के बाद के छह वर्षों में आरएमपी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने उसी स्‍थान पर पांच बार उनका स्‍मारक बनाया था। लेकिन, माकपा कार्यकर्ताओं ने हर बार उसे क्षतिग्रस्‍त कर दिया। इस मामले में माकपा के कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया। दिवंगत चंद्रशेखरन के स्‍मारक की सुरक्षा में पुलिसबल लगा दिया गया है, ताकि राजनीतिक रूप से विस्‍फोटक वल्‍लीकाडू में शांति-व्‍यवस्‍था कायम रखी जा सके। बता दें कि केरल में राजनीतिक हिंसा कोई नई बात नहीं है। भाजपा-आरएसएस और वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी झड़प की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

आरएमपी की कमान अब चंद्रशेखरन की पत्‍नी केके. रमा के पास है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माकपा कार्यकर्ताओं ने हाल में ही आरएमपी के कई कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले किए। रमा के साथ भी दुर्व्‍यवहार किया गया है। इतना ही नहीं, केरल में सत्‍तारूढ़ पार्टी के वर्करों ने आरएमपी नेताओं-कार्यकर्ताओं पर साइबर हमले भी किए हैं। ‘आउटलुक’ से बात करते हुए आरएमपी की मौजूदा प्रमुख ने कहा क‍ि चंद्रशेखरन का स्‍मारक देश का शायद पहला ऐसा मेमोरियल है, जिसपर चौबीसों घंटे पुलिस की नजर रहती है। रमा ने माकपा और भाजपा को एक ही सिक्‍के का दो पहलू करार दिया। बता दें कि त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति के अलावा तमिलनाडु में पेरियार की प्रतिमा को भी क्षतिग्रस्‍त कर दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह संबंधित राज्‍यों के पार्टी प्रमुखों को कड़े शब्‍दों में हिदायत देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने को कह चुके हैं। हालांकि, इसके बावजूद केरल में कुछ अज्ञात लोगों ने महात्‍मा गांधी की प्रतिमा को भी क्षतिग्रस्‍त कर दिया गया।

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