मुस्लिम युवती से प्रेम करने पर दलित तुवक को उसके गुस्साए परिजनों ने ही कर दी पीट-पीट कर हत्या

देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। राजस्थान के बाड़मेर जिले में हिंसा का एक और मामला सामने आया है। दलित युवक खेतराम भीम (22) एक मुस्लिम युवती से प्रेम करता था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लड़की पक्ष के गुस्साए परिजनों ने खेतराम की पीट-पीट कर हत्या कर दी। पीड़ित युवक महबूब खान के घर में काम करता था। खेतराम का कथित तौर पर महबूब के परिवार की एक लड़की से अफेयर चल रहा था, जिसकी भनक युवती के परिजनों को लग गई थी। बताया जाता है कि खेतराम को पहले भी लड़की के साथ देखा गया था। इसके बाद उसे दूर रहने की चेतावनी दी गई थी। खेतराम के भाई हरीराम ने बताया कि युवती के परिवार के कुछ लोगों ने उसी समय हत्या की साजिश रच ली थी। हरिराम ने बताया कि सद्दाम खान और हयात खान नामक दो शख्स ने खेतराम को खेत में बुलाया था, जहां पहले से ही सात लोग उसका इंतजार कर रहे थे। उनलोगों ने कथित तौर पर खेतराम के दोनों हाथ बांध दिए और तब तक निर्ममता से पीटते रहे जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। हत्या के बाद खेतराम के शव को घटनास्थल से कुछ दूर ले जाकर फेंक दिया गया था। युवक के शव को तीन दिन के बाद बरामद किया गया था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा: खेतराम का शव बरामद होने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। इसमें दलित युवक की निर्मम तरीके से पिटाई की बात सामने आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावरों ने उसका गला दबाने की भी कोशिश की थी। पुलिस ने इस मामले में दो युवाओं को गिरफ्तार किया है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है, ताकि हत्या में शामिल अन्य लोगों की पहचान सुनिश्चित की जा सके। खेतराम की पीट-पीट कर हत्या करने की घटना ऐसे समय सामने आई है जब देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) के मामले सामने आ रहे हैं। राजस्थान के ही अलवर जिले में 20 जुलाई को गाय की तस्करी करने के संदेह में गुस्साई भीड़ ने रकबर खान की पीट-पीट कर हत्या कर दी। राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुका है। शीर्ष अदालत ने ऐसी घटनाओं पर अविलंब रोक लगाने के लिए माकूल व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद गौ रक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों की तीखी आलोचना कर चुके हैं।

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