इतिहास की सबसे खतरनाक महिला स्नाइपर जिसने हिटलर के 300 से ज्यादा सैनिकों को उतरा था मौत के घाट

आज इतिहास की उस महिला स्नाइपर के बारे में बता रहे हैं जो द्वितीय विश्व युद्ध के दुश्मनों की मौत बन गई थी। इस स्नाइपर महिला ने दुश्मन सेना के 300 से भी ज्यादा सैनिकों को अकेले मौत के घाट उतार दिया था। हिटलर की सेना के लिए यह अकेली महिला भारी पड़ गई थी। हम बात कर रहे हैं ल्यूडमिला पेवलीचेंको की। ल्यूडमिला पेवलीचेंको यूक्रेनियन सोवियत स्नाइपर थीं। आज ल्यूडमिला का नाम इतिहास के सबसे कामयाब स्नाइपर्स में गिना जाता है।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सोवियत यूनियन ने करीब 2000 महिलाओं को बतौर स्नाइपर फौज में भर्ती किया था। उन्हीं में से एक बेस्ट स्नाइपर थीं ल्यूडमिला पेवलीचेंको। हालांकि इतिहास का सबसे खतरनाक पुरुष स्नाइपर सिमो हेहा को कहा जाता है। सिमो हेहा ने सन् 1939-40 में करीब 542 सैनिकों को मारा था। वहीं महिला स्नाइपर्स में ल्यूडमिला पेवलीचेंको का नाम इतिहास में दर्ज है।

सन् 1941 में यूक्रेन की कीव यूनिवर्सिटी में हिस्ट्री की पढ़ाई करने वाली 24 वर्षीय ल्यूडमिला ने हथियार उठा लिए थे। वह चौथे साल में थीं जब जर्मनी ने सोवियत यूनियन हमला कर दिया था। तब रिक्रूटिंग ऑफिस में पेवलिचेंको पहले राउंड में भर्ती होने वाले वॉलंटियर्स में से थीं। बाद में वहां से ल्यूडमिला रेड आर्मी की 25वीं राइफल डिवीजन में शामिल हुई थीं। हालांकि ल्यूडमिला

वह 2 हजार महिला स्नाइपर्स की रेड आर्मी में शामिल हुई, जिनमें से युद्ध के बाद 500 ही जीवित बची थीं। ल्यूडमिला ने ओडेसा के पास ढाई साल तक लड़ाई लड़ी, जहां उन्होंने 187 लोगों को मारा था। जब रोमानिया को ओडेसा पर नियंत्रण मिल गया, तब उनकी यूनिट को सेवासटोपोल भेजा गया। यहां पेवलीचेंको ने 8 महीने तक लड़ाई लड़ी। मई 1942 तक लेफ्टिनेंट पेवलीचेंको 257 जर्मन सैनिकों को मार चुकी थीं। द्वितीय विश्व युद्ध में उनके द्वारा प्रमाणिक हत्याओं की संख्या 309 है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *