फेसबुक, व्हाट्सअप पर फोटो डालना हराम: देवबंद

दारूम उलूम देवबंद ने फतवा जारी करके सोशल मीडिया पर मुस्लिम पुरूषों और महिलाओं की फोटो अपलोड करने को नाजायज बताया है। दारूम उलूम देवबंद से एक शख्स ने यह सवाल किया था कि क्या फेसबुक, व्हाट्सअप एवं सोशल मीडिया पर अपनी (पुरूष) या महिलाओं की फोटो अपलोड करना जायज है। इसके जबाव में फतवा जारी करके यह कहा है कि मुस्लिम महिलाओं एवं पुरूषों को अपनी या परिवार के फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करना जायज नहीं है, क्योंकि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता। इस संबंध में मुफ्ती तारिक कासमी का कहना है कि जब इस्लाम में बिना जरूरत के पुरूषों एवं महिलाओं के फोटो खिंचवाना ही जायज ना हो, तब सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करना कैसे जायज हो सकता है।

गौरतलब है कि इससे पहले करीब पांच साल पहले साल 2012 में उत्तर प्रदेश के बरेली में दरगाह आला हजरत के एक मदरसे ने भी फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर फोटो अपलोड करने को नाजायज करार देते हुए मुसलमानों को इससे परहेज करने की सलाह दी थी। उस वक्त इजहार नाम के शख्स ने मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के फतवा विभाग से इसको लेकर सवाल किया था। तब मुफ्ती सैयद मोहम्मद कफील ने कहा कि इस्लाम में तस्वीर को नाजायज करार दिया गया है। इंटरनेट पर शादी के लिए या फिर फेसबुक पर फोटो अपलोड करने को हराम बताया गया था। उन्होंने कहा था कि शादी के लिए फोटो लगाना बेहयाई है और मुसलमानों को इससे बचना चाहिए।

वहीं दारूल उलूम देवबंद फतवा जारी कर मुस्लिम महिलाओं द्वारा बाल कटवाने और आई ब्रो बनवाने को नाजायज करार दे चुका है। देबबंद की तरफ से मौलाना सादिक काजमी ने फतवा जारी करते हुए इन गतिविधियों को इस्लाम के खिलाफ माना और कहा कि दारुल उलूम को बहुत पहले ही यह फतवा जारी कर देना चाहिए था। बता दें कि कुछ दिनों पहले एक मुस्लिम शख्स ने देवबंद के फतवा जारी करने वाले विभाग से पूछा था कि क्या मुस्लिम महिलाएं हेयर कटिंग और आई ब्रो बनवा सकती हैं।

 

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