Photo: सेना के इन ज़बानों ने एशियन गेम्स 2018 में लाए 4 लाए गोल्ड मेडल, 5 ब्रोंज और 5 सिल्वर मेडल


जकार्ता में आयोजित 18वें एशियन गम्स में ऐसे कई एथलीट सामने आए जो कल तक गुमनाम थे और अब वे देश के चैंपियन बन गए हैं। हिमा दास, दुती चंद, स्वप्ना बर्मन, मंजीत सिंह जैसे एथलीटों के नाम शायद ही आपने पहले कभी सुने होंगे लेकिन इस बार उन्होंने काबिलियत के दम पर न सिर्फ अपनी अहम पहचान बनाई बल्कि हमारे देश के गौरव का मान भी बढ़ाया है। लेकिन यहां हम आपको 2018 के एशियम गेम्स में हम आपको कुछ ऐसे एथलीटों के बारे में भी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने एशियन गेम्स में मेडलों को हासिल किया ही है और इसके अलावा भी वे पहले से ही देश की सेवा में लगे हुए है। दरअसल, यहां हम बात कर रहे हैं देश का गौरव बढ़ाने वाले उन नौजवानों के बारे में हमारी फोर्स का हिस्सा हैं। यानी एशियन में कुछ ऐसे एथलीट जो कि इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफोर्स में कार्यरत हैं लेकिन मेडल लाने के बाद उन्होंने अपनी एक और अलग पहचान बनाई है। जकार्ता के एशियन गेम्स में इस बार 14 मेडल हमारे देश की भारतीय फोर्स के जवान लेकर आए हैं। इनमें 4 गोल्ड मेडल, 5 सिल्वर और 5 ब्रोंज मेडल शामिल हैं। भाला फेक, (javelin) नौकायान (Rowing) और कवड्डी में इंडियन आर्मी के जवानों ने सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं। इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स ने 10मीटर की राइफल और मार्शल आर्ट में में मेडल जीता है, जबकि नेवी के जवान मेंस शॉट में चमके। इस बार के एशियन गेम्स में 66 आर्मी स्पोर्ट्स पर्सन ने भाग लिया था, जिनमें से 14 जवानों ने मेडल जीते हैं।(All Photos- PTI/Facebook).


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केरल के एक टाउन से रहने वाले जिनसन जॉनसन ने देश के लिए दो मेडल जीते हैं। वह इंडियन आर्मी में नायब सूबेदार (junior commissioned officer)के पद पर तैनात हैं। उन्होंने एशियन गेम्स के 10वें दिन 800 मीटर की रेस में सिल्वर मेडल और 12 वें दिन गुरुवार को 1500 किलोमीटर की रेस में गोल्ड मेडल जीता है।

” src=”https://images.jansatta.com/2018/08/neeraj-chopra-4-850×511.jpg” alt=”18वें एशियाई खेलों में पुरुषों की जेवलिन थ्रो यानी भाला फेक स्‍पर्धा में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। नीरज चोपड़ा भी इंडियन आर्मी में नायब सूबेदार (junior commissioned officer) हैं। उन्‍होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ थ्रो 88.06 मीटर की फेंकी और मेडल जीता है। नीरज ने यह मेडल पांच में से दो प्रयासों में विफलता के बाद हासिल किया। आपको बता दें कि यह भारत के लिए एशियाई खेलों के इतिहास में जेवलिन में पहला पहला गोल्‍ड मेडल है। नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत के रहने वाले हैं।
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18वें एशियाई खेलों में पुरुषों की जेवलिन थ्रो यानी भाला फेक स्‍पर्धा में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। नीरज चोपड़ा भी इंडियन आर्मी में नायब सूबेदार (junior commissioned officer) हैं। उन्‍होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ थ्रो 88.06 मीटर की फेंकी और मेडल जीता है। नीरज ने यह मेडल पांच में से दो प्रयासों में विफलता के बाद हासिल किया। आपको बता दें कि यह भारत के लिए एशियाई खेलों के इतिहास में जेवलिन में पहला पहला गोल्‍ड मेडल है। नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत के रहने वाले हैं।
तीसरे (junior commissioned officer) नायब सूबेदार अरोकिया राजीव हैं जिन्होंने 4X400 की रिले रेस में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। जवान राजीव तिरुचनापल्ली के निवासी हैं। इस दौरान उनके साथ एथलीट मोहम्मद अनस साथ में रहे।
तीसरे (junior commissioned officer) नायब सूबेदार अरोकिया राजीव हैं जिन्होंने 4X400 की रिले रेस में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। जवान राजीव तिरुचनापल्ली के निवासी हैं। इस दौरान उनके साथ एथलीट मोहम्मद अनस साथ में रहे।
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आर्मी में पेशे से नायब सूबेदार दुष्यंत चौहान ने एशियाई खेल 2018 में पुरुषों की लाइटवेट सिंगल्स स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देशवासियों को खुश कर दिया। दुष्यंत फिलहाल पुणे में तैनात हैं। वह 6 साल से आर्मी में कार्यरत हैं। वह एशियन गेम्स से वापस अपनी ड्यूटी पर आ चुके हैं। दुष्यंत ने 1000 मीटर का सफर सिर्फ 3:36.22 के समय में पूरा किया। वहीं 1500 मीटर की दूरी उन्होंने 5:26.02 के समय में पूरी की। इस तरह उन्होंने 7:18.76 के समय में लाइटवेट सिंगल स्कल्स स्पर्धा पूरी की। Channel WION से इंटरव्यू के दौरान दुष्यंत चौहान ने ये भी बताया कि Rowing के दौरान200 मीटर के आखिर में उनकी आंखें बंद हो गई थीं। लेकिन उन्होंने हौसला हारा नहीं और क्योंकि सैनिक होने के नाते भी उन्हें देश के लिए मेडल जीतना था। दुष्यंत हरियणा के झज्जर के निवासी हैं। उन्होंने 2012 में उत्तराखंड के रुड़की में रोइंग की ट्रेनिंग की शुरुआत की थी। दुष्यंत के अंदर देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा है। आपको बता दें कि दुष्यंत कब्बडी और कुश्ती के स्टेट लेवल के खिलाड़ी भी रह चुके हैं।
Indian Army,defence forces,asian games 2018,2008 Summer Olympics,Indian Air Forceवहीं बात अगर कबड्डी की करें तो यहां भी आर्मी का जलवा कायम रहा। मेंस कबड्डी में हवलदार मोनू गोयत ने ब्रोंज मेडल को अपने नाम किया।
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इंडियन एयरफोर्स में सरजेंट की पोस्ट पर तैनात 30 साल के दीपक कुमार ने 10 मीटर की सिंगल एयर राइफल में सिल्वर मेडल जीता है। यह देश के लिए बेहद गर्व की बात है।
Indian Army,defence forces,asian games 2018,2008 Summer Olympics,Indian Air Forceइनके अलावा इंडियन फोर्स में जूनियर वारंट ऑफिसर की पोस्ट पर तैनात रवि कुमार ने 10 मीटर की एयर राइफल में ब्रोंज मेडल अपने नाम कर देश के गौरव को बढ़ाया है। रवि कुमार ने अपूर्वी चंदेला के साथ एशियन गेम्स 2018 में भारत को पहला मेडल दिलाया। इस जोड़ी ने रविवार को10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
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एयरफोर्स में सरजेंट संतोष कुमार ने विशु इवेंट में ब्रोंज मेडल जीतकर देश की सेना का गौरव भी बढ़ाया है।
इसके अलावा इंडियन नेवी के तेजिंदर पाल सिंह ने गोला फेंककर एशिआई खेलों में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने पांचवें प्रयास में 20.75 मीटर दूर गोला फेंककर एशियाई खेलों के नए रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया और देश किए सोना जीता। वह इंडियन नेवी में कार्यरत हैं।
इसके अलावा इंडियन नेवी के तेजिंदर पाल सिंह ने गोला फेंककर एशिआई खेलों में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने पांचवें प्रयास में 20.75 मीटर दूर गोला फेंककर एशियाई खेलों के नए रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया और देश किए सोना जीता। वह इंडियन नेवी में कार्यरत हैं।