सीएम खट्टर और केजरीवाल ने दो घंटे की बैठक के बाद दिया साझा बयान, प्रदूषण से मिलकर लड़ेंगे हरियाणा और दिल्ली
पिछले कई दिनों से धुंध और प्रदूषण के मुद्दे को लेकर हरियाणा व दिल्ली के बीच चल रही रार थम गई है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने करीब दो घंटे तक न केवल प्रदूषण फैलने से रोकने के मुद्दे पर मंथन किया, बल्कि इस बैठक में लिए गए फैसलों के बाद साझा बयान भी जारी किया। यह पहला मौका था जब दिल्ली व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने किसी मुद्दे पर आम राय कायम करके साझा बयान जारी किया है। बुधवार को हुए फैसलों को अगर सही तरीके से अमली रूप दिया जाता है तो आने वाले समय में हरियाणा व दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। चंडीगढ़ स्थित हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के निवास पर आयोजित की गई बैठक में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा हरियाणा के पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल, मुख्य सचिव डीएस ढेसी, पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल, गृह सचिव एसएस प्रसाद और स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण समेत कई अधिकारी मौजूद रहे, जबकि दिल्ली की ओर से सूबे के पर्यावरण मंत्री और मुख्य सचिव ने भागीदारी की।
बैठक में एक दर्जन से अधिक बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में दोनों राज्यों के आला अधिकारियों ने यह निष्कर्ष निकाला कि स्मॉग अस्थाई समस्या है जबकि प्रदूषण स्थाई समस्या है। इससे निपटने के लिए अगर ठोस रणनीति को लागू किया जाता है तो दोनों राज्यों के करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। बैठक में फैसला किया गया कि भविष्य में हरियाणा और दिल्ली सरकार की ओर से पुराने वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। दोनों राज्यों की सरकारों द्वारा सीएनजी के माध्यम से चलने वाले वाहनों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पैट्रोल के 15 साल पुराने और डीजल के 10 साल पुराने वाहन सड़कों पर नहीं चलाने संबंधी दिए गए आदेशों का पालन किया जाएगा।
बैठक में खेतों में पराली के अवशेष नहीं जलाने के लिए किसानों को जागरूक करने और पराली निस्तारण के उपकरणों पर सब्सिडी बढ़ाने पर भी सहमति बनी। साथ ही ट्रैफिक प्रदूषण रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर भी दोनों राज्यों ने अपनी तरफ से सहमति जताई। बैठक में हरियाणा सरकार ने बताया कि निकट भविष्य में गुरुग्राम व एनसीआर के अन्य शहरों में पांच सौ नई बसें चलाने की योजना है। ये सभी बसें सीएनजी पर आधारित होंगी, ताकि उनसे प्रदूषण न फैले। हरियाणा सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे के निर्माण की प्रगति की जानकारी बैठक में रखी। इस पर सहमति बनी कि इस निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए पानी के छिड़काव पर जोर दिया जाएगा, ताकि प्रदूषण न बढ़े। केएमपी के निर्माण के बाद दिल्ली पर वाहनों का दबाव कम होगा और प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आएगी।