हाईकोर्ट ने कन्हैया कुमार को राहत देते हुए जेएनयू प्रशासन द्वारा की गयी करवाई को किया रद्द
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन द्वारा कन्हैया कुमार पर की गई दंडात्मक कार्रवाई काे रद कर दिया है। अनुशासन तोड़ने के लिए लगाए गए 10 हजार रूपये के जुर्माने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि कन्हैया कुमार के खिलाफ जेएनयू का आदेश अवैध, तर्कहीन और अनियमित है। साथ ही कोर्ट ने जेएनयू से उचित सुनवाई के बाद मामले का फैसला करने को कहा। कहा पहले वे सही से कन्हैया कुमार का पक्ष सुनें। इसके बाद वे निर्णय लें।
कोर्ट का आदेश सुनने के बाद जेएनयू प्रशासन के वकील ने कहा कि वे जुर्माने को वापस ले रहे हैं। इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि बेहतर है कि आप जुर्माना वापस ले रहे हैं, वरना मैंनेअपने आदेश में लिखा था कि आपने जो जुर्माना लगाया है उसमें क्या क्या खामियां है? क्यों इस तरह का जुर्माना नहीं लगना चाहिए था?
Delhi High Court sets aside JNU’s move to penalise Kanhaiya Kumar for breach of discipline, says, “JNUs order against Kanhaiya Kumar is illegal, irrational and irregular.” Court also asks JNU to decide matter after a proper hearing.
— ANI (@ANI) July 20, 2018
बता दें कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी दिए जाने को लेकर वर्ष 2016 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक आयोजित कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के सिलसिले में विश्वविद्यालय द्वारा कन्हैया कुमार पर 10 हजार रूपये का जुर्माना लगया गया था। कन्हैया के अलावा दो और छात्रों उमर खालिद व अनिर्बान के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था। इन लोगों पर आरोप था कि इन्होंने अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं… देश की आजादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी… भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे देश विरोधी नारे लगाए थे। इस वजह से कन्हैया को 23 दिन जेल में भी रहना पड़ा था।
इस मामले में उमर खालिद का जेएनयू से निष्कासन करने समेत 13 अन्य छात्रों पर भी जुर्माना गलाने व अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की गई थी। जेएनयू प्रशासन के फैसले के खिलाफ दोनों ने दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया था।