Video: झारखंड में अच्छी खेती के तरीके बताने हाफ पैंट पहन धान रोपने खेत में उतरे डिप्टी कमिश्नर

देश के कई इलाकों में मॉनसून भले ही कहर बरपा रहा हो। लेकिन झारखंड के ज्यादातर इलाकों में बारिश नहीं हो रही है। धान की खेती करने वाले किसानों के लिए मुसीबत का समय है। खेतों में पानी नहीं होने से रोपाई का वक्त निकलता जा रहा है। कुछ किसान जैसे-तैसे धान को रोपाई कर रहे हैं। झारखंड के सिमडेगा में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। कम पानी में धान की रोपाई कर रहे किसान प्रशासन से मदद मांग रहे हैं। किसानों की मदद के लिए जिले के उपायुक्त जटाशंकर आगे आए हैं। डिप्टी कमिश्नर महोदय कुरडेग प्रखंड के खरवाटोली गांव में ऐसे ही एक खेत में जा पहुंचे जहां कम पानी में महिलाएं धान को रोपाई कर रही थीं।

डिप्टी कमिश्नर जटाशंकर इस दौरान पूरे किसानी वेशभूषा में नजर आए। उन्होंने हाफ पैंट पहनी, बाएं हाथ में बिचड़ा लिया और दाहिने हाथ से रोपनी करने लगे। उन्होंने किसानों को कम पानी में धान रोपने की विधि बताई। उन्होंने  श्री विधि तरीके से एक कतार में धान रोपनी करने के फायदे किसानों को बताए। साथ ही इस विधि का प्रचार-प्रसार करने को भी कहा। डीसी ने कीचड़ वाले खेत में खुद भी धान रोपाई की। इस दौरान सांसद प्रतिनिधि और प्रखंड के कृषि पदाधिकारी भी मौजूद रहे। डीसी ने इनसे भी खेती की इस विधि के प्रचार-प्रसार की अपील की।

बता दें कि झारखंड में बरसात में धान की खेती प्रमुखता से होती है। किसानों से रोपनी करने के बाद डीसी महोदय ने किसानों से बात की और उन्हें खेती के तरीके बताये। उन्होंने कहा कि इस तरीके से रोपे गये धान के चावल भी अच्छे होते हैं। अपने बीच में जिले के सबसे बड़े अधिकारी को पाकर किसान भी काफी खुश हुए। उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन की ओर से बीज, खाद जैसी सामग्री मुहैया होती रहे तो वे बारिश की कमी का मुकाबला कर सकते हैं। इस बीच राज्य सरकार ने कहा है कि अगर 15 अगस्त तक पूरी बारिश नहीं होती है तो सरकार आकस्मिक खेती के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करेगी। कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि सरकार बारिश ना होने की स्थिति में किसानों की सरकारी मदद दी जाएगी।

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