धनतेरस 2017: जानिए धन के देवता कुबेर के बारे में वो बातें जो आपको मालूम नहीं होंगी

धनतेरस के दिन कुबेर देवता की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में कुबेर देवता को धन देने वाले देवता में सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मान्यता है कि कुबेर देवता धरती के नीचे दबे हुए है और वह हर तरह के धन और खजाने की रखवाली करते हैं। कुबेर को रावण का भाई माना जाता है। कुबेर रावण के पिता ‘विश्रवा मुनि’ की पहली पत्नी इलविला से उत्पन्न हुए थे। उन्हें अपने पिता विश्रवा की तरह धर्मालु और तपस्वी होने के कारण ब्रह्मा से लोकपाल होने का आशीर्वाद मिला।

कुबेर को भगवान शिवजी का परम मित्र माना जाता है। बेलपत्र से कुबेर की पूजा करने से कुबेर देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं। कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को कुबेर देवता का पूजन किया जाता है। इस त्योहार को धनतेरस के रूप मनाया जाता है। इस दिन चांदी या तांबे का बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

कुबेर देवता की व्युत्पति मार्कण्डेय और वायु पुराण में बताई गई है, जिसमें ‘कु’ का अर्थ ‘निंदा’ हैं और ‘बेर’ का अर्थ ‘शरीर’ है। कुत्सित शरीर धारण करने के कारण यह कुबेर कहलाए। शास्त्रों में बताया गया है कि इन्हें यम, वरुण और इंद्र देवता की तरह चौथे लोकपाल और उत्तर दिशा का स्वामी बनाया गया था। इन्हें धन और यज्ञ का भी स्वामी माना जाता है।

मान्यता है ये तीन चरणों और 8 दांतों के साथ उत्पन्न हुए। इनकी धन के देवता के रूप में ख्याति हुई। राम कथा में बताया गया है कि पुष्पक विमान और लंका नगरी इन्हीं की थी, जिसे रावण छीनकर ले गया था।

 

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