अदालत के सामने आई अनोखी याचिका, जज ने कहा- ये तो सिर्फ भगवान ही कर सकते हैं

एसी कई याचिकाओं को विषय है जिनपर सुनवाई करके उसका निवारण करना सुप्रीम कोर्ट के हाथों में भी नहीं है। देश के सर्वाच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक याचिकाकर्ता की असामान्य याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि उसकी मदद करना उनके बस से परे हैं। याचिकाकर्ता धनेश लेशधन ने एक आवेदन डालकर कोर्ट से विन्नती की कि वे प्रशासन को मजबूर करें कि वे देश से मच्छरों को पूरी तरह से खत्म कर दें। पीटीआई के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के दो जज की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि हम भगवान नहीं है। हमसे वह काम करने के लिए मत कहो जो केवल भगवान कर सकता है। दुनिया भर में 7,25,000 लोगों की मौत मच्छर के काटने के बाद होने वाली बीमारियों से जुड़ी हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमानित मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए कई वैज्ञानिकों और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दशकों से संघर्ष कर रहे हैं। इस याचिका के जरिए धनेश चाहते थे कि कोर्ट इस मामले में उनकी मदद कर पाएगा। धनेश ने अपनी याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई कि कोर्ट से सरकार को आदेश दे कि मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों के कारण मच्छरों को खत्म करने के लिए गाइडलाइन्स बनाई जाए।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमें नहीं लगता कि कोई भी कोर्ट मच्छरों को खत्म करने के लिए प्रशासन को इस प्रकार का निर्देश दे सकती है। हम हर किसी के घर में नहीं जा सकते हैं और उनसे ये नहीं कह सकते कि आपके घर में मचछर तो उसे वहां से हटाएं। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस गुप्ता की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप हमसे वो करवाना चाहते हैं जो कि केवल भगवान कर सकता है। ऐसी चीजें करने के लिए मत कहो जो केवल भगवान कर सकते हैं और हम भगवान नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने धनेश की याचिका को खारिज कर दिया।

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