पंजाब में अब सरकारी कर्मचारियों को देना होगा डोप टेस्ट, नशे पर लगाम के लिए लगातार दूसरा कदम

हाल ही में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि नशे के कारोबारियों को मौत की सजा दी जाए। इसके ठीक एक दिन बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार (2 जुलाई, 2018) को कैबिनेट की बैठक बुलवाई। पांच घंटे लंबी चली बैठक में कई सख्त फैसले लिए गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आदेश दिया है कि सभी राज्य कर्मचारियों जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। उनका डोप टेस्ट करवाया जाए। अब ये डोप ​टेस्ट उनकी नियुक्ति के समय भी होगा, चाहें वह किसी भी स्तर की सेवा के लिए चुने जा रहे हों। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह इस संबंध में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करें और जरूरी नोटिफिकेशन जारी करें।

 

ये आपात बैठक राज्य में नशे के कारण होने वाली मौतों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी और उससे पनप रहे विरोध के कारण बुलाई गई थी। सीएम अमरिंदर सिंह ने सोमवार (2 जुलाई, 2018) को भारत सरकार के गृह मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा था। कैप्टन ने मांग की थी कि वह एनडीपीएस एक्ट के मामलों में भी मृत्युदंड का प्रावधान करने की अनुमति दें।

बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा,”मेरी सरकार ने तय किया है कि नशीली सामानों की तस्करी या परिवहन करने वालों को मौत की सजा दी जाए। इस संबंध में सिफारिशों को केंद्र सरकार में भेजा गया है। जब तक नशे का कारोबार हमारी पूरी पीढ़ी को तबाह करता रहेगा, इसे नज़ीर बनाना जरूरी है। मैं नशा मुक्त पंजाब बनाने के अपने संकल्प के साथ अटल खड़ा हूं।”

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