मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ जल्द ही लाया जा सकया है संसद में महाभियोग प्रस्ताव
मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ जल्द ही संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कांग्रेस ने महाभियोग से संबंधित एक ड्राफ्ट तैयार कर अन्य दलों के बीच बंटवाया है। उस ड्राफ्ट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों समेत कई पार्टियों के नेताओं ने दस्तखत किए हैं। एनसीपी नेता डी पी त्रिपाठी ने एएनआई को बताया है कि उन्होंने भी पार्टी की तरफ से इस ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। माना जा रहा है कि बजट सत्र के अंतिम दिनों में या फिर बाद में मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। चूंकि अभी सदन में नोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए संघर्ष जारी है, इसलिए संभव है कि सीजेआई के खिलाफ महाभियोग बाद में लाया जाए। बता दें कि पहले कांग्रेस के कई बड़े नेता महाभियोग लाने के खिलाफ थे। हालांकि, कई गैर भाजपाई दल चाहते हैं कि मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ मौजूदा परिस्थितियों में महाभियोग प्रस्ताव लाया जाए।
सीजेआई दीपक मिश्रा पर महाभियोग प्रस्ताव की बात तब सामने आई जब सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने इस साल के शुरुआत में ही 12 जनवरी को सार्वजनिक तौर पर प्रधान न्यायाधीश पर हमला बोल दिया था और उन पर पक्षपात करने समेत मुकदमों के बंटबारे में नियम का पालन नहीं करने का आरोप लगाया था। चार जजों ने सीबीआई जज लोया की मौत की जांच में में भी कोताही बरतने का आरोप सीजेआई पर लगाया था। जस्टिस चेलमेश्वर के आवास पर जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस मदन बी लोकुर ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है।
जजों ने कहा था कि बीते दिनों कई ऐसे वाकये हुए जिस पर उन लोगों ने सीजेआई को समझाने की कोशिश की थी लेकिन बात नहीं बन सकी। इन जजों ने कहा कि उनलोगों ने एक चिट्ठी भी सीजेआई को लिखी थी लेकिन जब उस पर भी कार्रवाई नहीं हुई तो अंत में मामले को मीडिया में लाना पड़ा। जजों द्वारा इस तरह से मीडिया में आकर सुप्रीम कोर्ट के अंदर की बात जगजाहिर करना देश के न्यायिक इतिहास की बड़ी और ऐतिहासिक घटना थी। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में संसदीय गलियारों में खासकर कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई(एम), टीएमसी के नेताओं के बीच फिर से महाभियोग की चर्चा हो रही थी लेकिन इसे कब लाया जाय इस पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो सका है।