कर्नाटक में दलितों ने रोका अमित शाह का रास्ता और अनुसूचित जाति सम्मेलन में दिखाए काले झंडे
कर्नाटक के कलबुर्गी में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को अनुसूचित जाति के एक बड़े सम्मेलन में काले झंडे दिखाए गए। अमित शाह शनिवार (25 फरवरी) तो राज्य के बिदर, गुलबर्गा और यादगीर जिलों की तीन दिवसीय यात्रा पर निकले, इस दौरान कलबुर्गी में एनवी कॉलेज के मैदान में आयोजित अनुसूचित जाति के सम्मेलन में प्रवेश करने से पहले अमित शाह के काफिले को निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के सदस्यों ने काले झंडे दिखाए। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक काले झंडे दिखाने वाले लोग केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के सविंधान को लेकर दिए गए बयान का विरोध कर रहे थे। बाद में जब सम्मेलन शुरू हुआ तो वहां उपस्थित लोगों में से कुछ ने तब नारे लगाने लगाने और कथित तौर पर काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए जब अमित शाह बोल रहे थे। पुलिस ने तुंरत 10 लोगों को हिरासत में ले लिया था। अमित शाह ने प्रदर्शनकारियों का जवाब दिया। उन्होंने कहा- ”यह कांग्रेस की संस्कृति है। चिंता न करें, सरकार बदल रही है।”
बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कर्नाटक में एक कार्यक्रम में कहा था कि संविधान को बदले जाने की जरूरत है। अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था- ”संविधान को समय-समय पर बदला जाना चाहिए और हम ऐसा करने किए आए हैं…, जो लोग धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा कर रहे हैं, वे अपने माता-पिता और उनके खून की पहचान नहीं रखते हैं। इस तरह की पहचान के जरिए आत्म सम्मान मिलेगा।” हेगड़े के बयान की कड़ी निंदा की गई थी। पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया था। बाद में हेगड़े को संविधान को लेकर दिए अपने बयान पर संसद में माफी मांगनी पड़ी थी। हेगड़े दलितों को लेकर दिए गए अपने एक और बयान को लेकर घिर गए थे। हेगड़े ने कहा था- ”हम सड़क के कुत्तों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों से नहीं फंस सकते हैं।”
उनके इस बयान को दलितों से जोड़कर देखा गया था। उनके इस बयान पर बवाल मचने पर उन्होंने माफी मांग ली थी। हेगड़े ने अपने माफीनामे में कहा था- इसकी गलत व्याख्या की गई कि मेरा बयान दलितों के खिलाफ हैं। मेरा बयान बुद्धिजीवियों के संबंध में था। कांग्रेस जानबूझकर मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।” बता दें कि कर्नाटक में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने जनता को लुभाने के लिए पूरी कमर कस ली है।