दुर्गा प्रतिमा विसर्जन: हाई कोर्ट का आदेश- अलग-अलग रूट पर निकलें प्रतिमाएं और ताजिए
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार के फैसले को पलट दिया है। अदालत ने कहा है कि सभी दिनों पर रात 12 बजे तक विसर्जन की इजाजत होगी, यहां तक कि मुहर्रम के दिन भी। उच्च न्यायालय ने पुलिस से विसर्जन और ताजियों के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित करने को कहा है। गुरुवार को फैसले से पहले अदालत ने राज्य सरकार को एक बार फिर फटकारा। अदालत ने कहा, ”आप के हाथ में शक्ति है तो क्या आप मनमाना आदेश पारित कर देंगे? आपको सपना आता है कि कुछ बुरा होने वाला है और इसी सपने के आधार पर आप प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं।”
बुधवार को मामले पर सुनवाई के दौरान, कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि ‘दोनों समुदाय एक साथ त्योहार क्यों नहीं मना सकते?’ अदालत ने कहा, ”जब आप (राज्य सरकार) इस बात पर अडिग हैं कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव है तो आप दोनों के बीच सांप्रदायिक फर्क क्यों कर रहे हैं। उन्हें भाईचारे से रहने दीजिए। उनके बीच में कोई लकीर मत खींचिए। उन्हें साथ रहने दीजिए।”
पिछले महीने ममता बनर्जी की सरकार ने आदेश दिया गया था कि शाम छह बजे के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया जा सकेगा।